भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कृपा से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने नंदकुमार सिंह चौहान उर्फ नंदूभैया की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। मप्र में अध्यक्ष पद के लिए उनक अलावा 3 दमदार दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम कैलाश विजयवर्गीय का है जो एक चतुर रणनीति के तहत अपना जीवन संगठन के नाम कर चुके हैं। राकेश सिंह एवं भूपेन्द्र सिंह भी इस दौड़ में शक्तिशाली दावेदार माने जा रहे हैं।
दरअसल, नंदूभैया की नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के केंद्रीय मंत्री बन जाने के कारण हुई थी। नंदकुमार सिंह चौहान श्री तौमर के बचे कार्यकाल को पूरा करने के लिए आए थे जो अब खत्म होने जा रहा है।
2018 का चुनाव कराएगा नया अध्यक्ष
भाजपा में इस बार प्रदेश अध्यक्ष का पद इसलिए भी ताकतवर माना जा रहा है क्योंकि वह 2018 के चुनाव कराएगा। स्वभाविक है कि शिवराज सिंह चौहान अपनी पहली पसंद नंदकुमार सिंह चौहान को दूसरा मौका दिलवाना चाहते हैं परंतु संघ एवं भाजपा में मौजूद शिवराज विरोधी गुट प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर किसी ऐसे व्यक्ति को बिठाना चाहता है जो दूसरे धड़े को बेलेंस कर सके।
विजयवर्गीय क्यों
केंद्रीय संगठन में महासचिव बन चुके कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी विचाराधीन है। संगठन एवं चुनावी प्रबंधन में विजयवर्गीय सिद्धहस्त हैं। हरियाणा चुनाव में पार्टी को वह अपना हुनर दिखा चुके हैं। यही वजह है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विजयवर्गीय को अपनी टीम में शामिल कर पश्चिम बंगाल की जवाबदारी सौंपी है।
राकेश और भूपेंद्र का क्या
सूत्रों का कहना है कि विजयवर्गीय के अलावा जबलपुर के सांसद राकेश सिंह एवं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह का नाम भी विकल्प के रूप में सामने आ सकता है। दोनों को संगठन का अच्छा तजुर्बा है, लेकिन चुनावी मैनेजमेंट के क्षेत्र में अभी इनके हुनर की परख होना बाकी है।