भोपाल। राजधानी में आज हुए अध्यापक आंदोलन में दोनों पक्षों को जीत के लिए एक एक पाइंट मिला। राजधानी की नाकाबंदी के बाद भी अध्यापक घुस आए और लालघाटी पर तिरंगा लहराया, जबकि पुलिस ने तिरंगा रैली नहीं होने दी। आगे बढ़े अध्यापकों को लाठी के दम पर हिरासत में लिया गया। इस दौरान महिला अध्यापकों से भी बदसलूकी हुई। मुकेश नाम का एक अध्यापक बेहोश हो गया, उसे हमीदिया अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने 131 अध्यापकों के खिलाफ गिरफ्तारी दर्ज की है।
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हथियारबंद पुलिस थी तैनात |
हालांकि मौके पर हथियारबंद पुलिसकर्मी मौजूद थे परंतु पुलिस लगातार किसी भी अप्रिय कार्रवाई से बचती रही। लालघाटी पर एकजुट हुए 20 हजार अध्यापकों ने जैसे ही रैली की शक्ल में आगे बढ़ने की कोशिश की, हालात तनावपूर्ण हो गए। पुलिस ने लाठी के दम पर अध्यापकों को बसों में भरा और हिरासत में ले लिया। पुलिस के पास बसों की संख्या कम थी, जबकि अध्यापक ज्यादा, इसलिए पुलिस अध्यापकों को शहर से 8 किलोमीटर दूर जंगल में छोड़ आई। थोड़ी देर शांति रही, लेकिन अध्यापक फिर से वापस लौट आए। वो लगातार गिरफ्तार किए गए अध्यापक साथियों की रिहाई की मांग कर रहे थे। इस दौरान क्षेत्रीय विधायकों ने मोर्चा संभाला। अपने अपने इलाकों से यहां आए अध्यापक नेताओं से संपर्क कर समझाया कि गिरफ्तार अध्यापकों की रिहाई हो जाएगी। लालघाटी को खाली कर दें। अत: अध्यापक लालघाटी से हट गए। पुलिस ने 131 अध्यापकों को गिरफ्तार कर लिया है, उनकी रिहाई के लिए करीब 1000 अध्यापक बाहर डटे हुए हैं। दूर दराज से आए अध्यापकों को वापस रवाना हो गए हैं।