मप्र के 5 लाख कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का ऐलान

भोपाल। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के आव्हान पर प्रदेश भर के 5 लाख कर्मचारी जिनमें संविदा कर्मचारी, अध्यापक शिक्षक दैनिक वेतन भोगी आदि शामिल है 30 सितम्बर को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे जिससे प्रदेश के सरकारी दफ्तर बन्द रहेंगे।

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरूण द्विवेदी एवं महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने आज जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेशभर के शासकीय, संविदा, दैनिक वेतनभोगी, अध्यापक, शिक्षक, स्वास्थ्य कर्मचारी आदि 30 सितम्बर को एक दिवस का सामूहिक अवकाश लेंगे जिससे प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तर बन्द रहेंगे। स्वास्थ्य पानी एवं बिजली जैसी अत्यावश्यक सेवाये देने वाले विभाग के मैदानी अमले एवं अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों को आंदोलन से मुक्त रखा गया है परन्तु इन सेवाओं संबंधी विभागों के लिपिकीय कर्मचारी आंदोलन में सम्मिलित रहेंगे । आंदोलन को अन्य मान्यताप्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों का भी समर्थन रहेंगा।

नेताद्वय श्री द्विवेदी एवं शर्मा ने बताया कि आंदोलन की आंदोलन की तैयारी जौर शोर से चल रही है । संभाग स्तर पर बैठकें होने के बाद एवं संघ के सभी जिला अध्यक्षों की बैठक छतरपुर में युवा सदन में आयोजित की गई है । अनेक जिलों में सामुहिक अवकाष भरवाने का कार्य अंतिम दौर में पहुंच गया है।

श्री अरूण द्विवेदी एवं लक्ष्मीनारायण शर्मा का कहना है कि सरकार को जनता की सुविधाओं के दृष्टिगत संघ के प्रतिनिधिमण्डल को चर्चा के लिये आंमत्रित करना चाहिये और संवाद के माध्यम से मांगों का निराकरण करना चाहिये। उन्होने कहा कि सरकार की असंवेदनषीलता का यह आलम है कि अभी तक सरकार के कानों में जू भी नही रेंग रही है । मांगों का निराकरण न होने से कर्मचारियों को हजारों रूपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है जिससें कर्मचारियों में आक्रोष है।

सर्वश्री द्विवेदी एवं शर्मा ने बताया कि सामूहिक अवकाश आंदोलन की तैयारी के सिलसिले में संभाग वार बैठकों का आयोजन किया जा रहा है तथा तैयारी की समीक्षा एवं आवष्यक निर्देष दिये जायेंगे।

  • कर्मचारियों की मुख्य लंबित मांगें:-
  • माननीय मुख्यमंत्री जी के घोषणा अनुसार प्रदेष के समस्त संवर्गों के सभी कर्मचारियों को त्रिस्तरीय पदोन्नति समयमान वेतनमान 10, 20 एवं 28 वर्ष की सेवा उपरांत दिया जायें।
  • वेतनमान रूपयें 5000-8000 एवं 5500-9000 में ग्रेड पे रूपये 3200 एवं 3600 के स्थान पर केन्द्र सरकार तथा छततीसगढ सरकार के समान ग्रेड पे रूपये 4200 की जायें एवं वेतनमान रूपये 6500-10500 में ग्रेड पे रूपये 4200 के स्थान पर 4800 दी जायें।
  • जनवरी से 30 जून तक वार्षिक वेतनवृद्धि प्राप्त करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों को केन्द्र एवं छत्तीसगढ सरकार के समान छठवे वेतनमान के अंतर्गत एक वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ दिया  जायें ।
  • लिपिकों के वेतन में चली आ रही विंसगतीयों को शीघ्र दूर किया जाऐ, ताकि सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल एवं लेखापाल से कनिष्क लेखा अधिकारी /आडिटर के पद पर पदोन्नति होन पर आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके।
  • समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों का वृत्ति कर समाप्त कर दिया जावे।
  • पेंषन गणना हेतु अधिवार्षिकी आयु केन्द्र सरकार के समान  25 वर्ष की जाये ।
  • दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों एवं संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जायें तथा नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान एवं अन्य सुविधायें प्रदान की जायें ।
  • विभिन्न संवर्ग के कर्मचारियों यथा लिपिक, कार्यपालिक एवं तकनीकी संवर्ग के वेतनमान की विसंगतियों को दूर किया जायें ।
  • समस्त अधिकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष की जायें ।
  • प्रदेष के कर्मचारियों को मंत्रालय कर्मचारियों के समान वेतनमान, भत्ते एवं पदोन्नति दी जायें ।
  • प्रदेष के अधिकारी/कर्मचारियों को 2011 की जनगणना के आधार पर केंद्र के समान मकान भाडा दिया जाए।
  • जुलाई 2006 से अगस्त 2008 तक के मंहगाई भत्ते के ऐरियर राषी का नगद भुगतान किया   जाये ।
  • सेवा निवृत्ती पर अवकाष नगदीकरण की सीमा 240 दिवस से बढाकर 300 दिवस की जायें ।
  • अनुकम्पा नियुक्ति का सरलीकरण किया जाए।

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