भोपाल। केन्द्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों के 50% महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मर्ज करने का शासनादेश 20-09-2015 को जारी कर दिया है। अब राज्य सरकार की बारी है। यदि राज्य सरकार ने कर्मचारियों के मूलवेतन में 50% महंगाई भत्ता मर्ज नहीं किया और इस दौरान 7वां वेतन आयोग लागू हो गया तो मप्र के प्रत्येक कर्मचारी को कम से कम 60 हजार रुपए प्रतिवर्ष का नुक्सान होगा। इस मामले में कर्मचारीगण अपने अपने संगठनों से उम्मीद लगाए बैठे हैं। देखना रोचक होगा कि क्या मप्र के कर्मचारी संगठन सरकार से महंगाई भत्ता मर्ज करवा पाएंगे, वो भी तब जब सरकार कर्मचारियों को 2017 तक एक नई कौढ़ी देने के मूड में नहीं है।