भोपाल। म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव और सातवे वेतन आयोग को पत्र भेजकर सातवें वेतन आयोग में की गई अनुंशंसा जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि कर्मचारियों को 33 साल की सेवा या 60 साल की आयु जो पहले होगी उसमें कर्मचारियों को रिटायर्ड कर दिया जायेगा तथा 30 साल की सेवा तथा 55 साल की आयु में ग्रेडिंग के हिसाब से कर्मचारियों / अधिकारियों की समीक्षा होगी उसके बाद उनको वीआरएस दे दिया जायेगा, का विरोध किया है।
33 साल की सेवा पूरी करने पर सेवा निवृत्ति का नियम आने से लाखों केन्द्रीय तथा राज्य कर्मचारी /अधिकारी इसके दायरे में आ जायेंगें और रिटायर्ड हो जायेंगे । क्योंकि जिनकी नौकरी 21 साल में लगी होगी वो 54 साल की आयु में रिटायर्ड हो जायेंगें और जिनकी नौकरी 22 साल की आयु में लगी होगी वो 55 साल की आयु में रिटायर्ड हो जायेंगंे, और जिनकी नौकरी 18 साल की आयु में लगी होगी वो तो 51 साल की आयु में ही रिटायर्ड हो जायेंगें । म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि यदि सरकार सातवें वेतन आयोग की इस कर्मचारी विरोधी अनुशंसा लागू करती है तो इसका पूरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा ।