- कर्मचारियों के लिए 33 साल की सेवा या 60 साल जो भी पहले हो, रिटायर करने का प्रस्ताव है। वहीं 30 साल की सेवा या 55 साल की उम्र में ग्रेडिंग के अनुसार वीआरएस का विकल्प दिया जा सकता है।
- किसी अफसर पर आरोप है तो वो 55 साल की उम्र में वीआरएस ले सकता है।
- हाउस रेंट कर्मचारियों को ए, बी-1, बी-2, और सी के लिए 25% जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 20% हाउस रेंट का प्रस्ताव। वर्तमान में अलग-अलग क्षेत्रों या पदों पर 10 से 30% तक हाउस रेंट मिलता है। यानी अब हाउस रेंट में भी एकरूपता का प्रस्ताव है।
- इंक्रीमेंट आयोग ने साल में एक बार 6% इंक्रीमेंट देने (टोटल आफ पे पर) की सिफारिश की है। ये हर कर्मचारी-अधिकारी को अब 1 जुलाई से मिलेगा। इसके लिए जुलाई तक कम से कम छह महीने की सेवा पूरी होनी जरूरी है। अब तक कर्मचारी नौकरी पर लगा उस तारीख या पदोन्नति की तारीख के अनुसार इंक्रीमेंट होता है।
- बच्चों को एजुकेशन भत्ता
- केंद्रीय कर्मचारियों के कक्षा पहली से दसवीं तक के बच्चों को 40 रुपए और 11वीं व 12वीं के बच्चों को हर महीने 50 रुपए शिक्षा भत्ता देने का प्रस्ताव।
- बच्चा विकलांग या मानसिक रूप से अक्षम है तो 100 रुपए शिक्षा भत्ता मिलेगा। बच्चा माता-पिता के साथ न रहकर दूसरी जगह रह रहा है तो भी उसे सौ रुपए देने का प्रस्ताव।
- बच्चा हाॅस्टल में है तो अलग से हर माह 300 रुपए मिलेंगे। शर्त यह है कि जो बच्चे 1987 के पहले पैदा हुए हैं उनमें तीन संतान और 1987 के बाद संतान हुई है तो दो बच्चों को ही यह सुविधा मिलेगी।
न्यूनतम मूलवेतन दोगुने से ज्यादा
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को यदि मप्र सरकार लागू करती है तो मुख्य सचिव रैंक के अफसरों का मूल वेतन दो लाख रुपए से अधिक, जबकि छोटे-छोटे से कर्मचारियों का वेतन 15 से 20 हजार रुपए तक हो जाएगा। यानी दोगुनी के करीब हो जाएगी। इसके अलावा विभागों में पदों का नए सिरे से निर्धारण होगा। छठे वेतन आयोग ने न्यूनतम मूल वेतन 3050 से बढ़ाकर 7730 रुपए किया था।
20 की उम्र में नौकरी तो 53 में रिटायर
आयोग की एक महत्वपूर्ण सिफारिश के मुताबिक कर्मचारियों के सेवाकाल 33 साल निर्धारित किया जाएगा। इसका मतलब ये है कि अगर कोई कर्मचारी 20 साल की उम्र में सरकारी नौकरी करना शुरू करता है तो वह 53 साल में रिटायर हो जाएगा।