सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। एनजीटी तथा सिया के कठोर रवैये के चलते बालाघाट जिले में स्वीकृत मैगनीज एवं गौण खनिज की 85 खदाने बंद कर दी गई है। जे.के. सोंलकी जिला खनिज अधिकारी ने अवगत कराया की सिया (स्टेट इनवायरमेंट इमपेक्ट असिस्मेंट अथारिटी) से पर्यावरण क्लीयरेंस नही मिल पाने के कारण खदानों को बंद करने का आदेश पारित किया गया हैै। यह आदेश 21 अगस्त से प्रभावशील हो गया है तथा सभी खदान संचालकों को 4 सितंबर को जारी पत्र के जारिये इस आदेश की प्रति उपलब्ध कर दी गई है।
यह उल्लेखनीय है की एनजीटी ने खदान संचालको को पर्यावरण क्लीयरेंस की अनुमति लेने के निर्देश दिये गये थे लेकिन जिले के किसी भी खदान संचालक ने सिया से पर्यावरण क्लीयरेंस के लिये कोई आवेदन प्रस्तुत नही किया जिसके कारण एनजीटी ने इन खदानों को तत्काल बंद करने के आदेश जारी किये है अब इन खदानों में खनन का कार्य नही किया जा सकता।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्टीय हरित अधिकरण की मुख्य बैंच द्वारा एक प्रकरण में सुनवाई करते हुये मध्यप्रदेश खनिज निगम द्वारा प्रस्तुत किये गये मामले में खदानों को बंद करने का आदेश दिया था इस आदेश का पालन करते हुये मध्यप्रदेश खनिज संसाधन विभाग मंत्रालय भोपाल ने बालाघाट जिले में स्वीकृत खदानों को तत्काल बंद करने के आदेश दिये है।
खनिज विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कटंगी क्षेत्र में तिरोडी,वरूड,सीतापठोर, सुकली, चाकाहेटी,हथोडा, अर्जुनी, सोनेगांव, आमेझरी, दुल्हापुर, कोयलारी, बैहर क्षेत्र में जंगनटोला, दुगलई, सालेटेकरी, लालबर्रा क्षेत्र में बाहियाटिकुर, कटंगझरी, कामथी, खैरलांजी क्षेत्र में मिगरपूर, पाठरवाणी, किरनापुर क्षेत्र में भगतपुर की मैगनीज और डोलामाइड खदाने शामिल है।
इसी तरह मिट्टी की खदानों में बालाघाट की धनसुआ, टेकाडी, पिपरटोला, पायली, केरा, सुरवाई।
वही वारासिवनी की 70 खदानों में वारासिवनी की कायदी, किरनापुर की अकोला, बेनेगांव, बालाघाट की उमरिया, बिरसा की सुंदरवाही, बैहर की बोरखेडा, लालबर्रा की डोगरिया, वारासिवनी की दिनी, तथा किरनापुर की रजेगांव, साल्हे, दहेदी, बेनगांव, रिसेवाडा, और सेवती की खदाने शामिल है।