भोपाल। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने निजी डेंटल मेडिकल कॉलेज के संगठन एपीडीएमसी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि क्यों न अवमानना की कार्रवाई की जाए। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जब तक जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाता तब तक परीक्षा की तारीख निर्धारित न की जाए।
मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर की अध्यक्षता वाली बैंच के समक्ष मंगलवार को डीमेट मामले की सुनवाई हुईं। कोर्ट ने 20 सितंबर के डीमेट ऑनलाइन एक्जाम की गड़बड़ी को लेकर एपीडीएमसी को 24 सितंबर तक जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
मध्यप्रदेश के प्राइवेट मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन के लिए रविवार को आयोजित की गई डेंटल एंड मेडिकल एडमिशन (डीमेट) रद्द कर दी गई। सुबह हुई इस गड़बड़ी के बाद शाम को एपीडीएमसी (एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डेंटल एंड मेडिकल कॉलेज) ने परीक्षा को रद्द कर दिया गया।
डी मेट मामले में याचिकाकर्ता पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने आरोप लगाया है कि रविवार को हुई परीक्षा में गड़बड़ी जानबूझकर की गई थी। उनका कहना है कि हाईकोर्ट की सख्ती के बाद जब परीक्षा को कड़ी सुरक्षा और पर्याप्त प्रबंधनों के तहत आयोजित कराने की हामी भरी गई थी। ऐसे में एकदम से परीक्षा निरस्त करना एपीडीएमसी पर सांवलिया निशान लगाता है।
इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा में शामिल हुए सभी आवेदकों को किराया और खर्च का भुगताना एपीडीएमसी की तरफ से किया जाए।