भोपाल। देशभर के राजपूत अब भाजपा के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एक मामले में सीबीआई और दूसरे मामले में मप्र पुलिस ने 2 राजपूत नेताओं के साथ कुछ ऐसी हरकत की है जो राजपूत समाज कतई बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है।
पहला मामला हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का है। उनके यहां सीबीआई ने रेड की। समाज को इस रेड से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन छापामारी की तारीख और तरीके से खासी आपत्ति है। राजपूत समाज के नेताओं का मानना है कि इस छापामारी के लिए जान बूझकर वो तारीख चुनी गई जब वीरभद्र सिंह अपनी बेटी की शादी में थे। ऐसे वक्त पर तो गिरफ्तारियां भी विदाई तक टाल दी जातीं हैं परंतु सीबीआई ने रेड नहीं टाली।
दूसरा मामला मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का है। मप्र पुलिस ने फर्जी नियुक्ति मामले में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। राजपूत समाज को इसमें भी नोटिस तामील की तारीख और तरीके से आपत्ति है। समाज के नेताओं का कहना है कि पूरे देश को पता है कि दिग्विजय सिंह की बेटी बहुत बीमार है और वो अमेरिका में अपनी बेटी का इलाज करा रहे हैं। बावजूद इसके ऐसे समय पर नोटिस जारी किया गया। दिन भी रविवार अवकाश का था। नोटिस को तामील कराने के तरीके से भी समाज को आपत्ति है। पुलिस ने मीडियाकर्मियों के सामने नोटिस तामील किया। यह दिग्विजय सिंह को जलील करने के लिए किया गया।
इन दोनों घटनाओं ने राजपूत समाज में भाजपा के प्रति विरोध पनपा दिया है। समाज के नेताओं ने फिलहाल कोई फेसला नहीं किया है परंतु सुगबुगाहट शुरू हो गई है। यह जरूर तय है कि राजपूत समाज चुपचाप सहन तो नहीं करेगा।