जबलपुर। काशी एक्सप्रेस से घर के लिए निकले एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट की लाश पटरी पर पड़ी थी। रात भर ट्रेनें इस लाश के ऊपर से गुजरती रहीं। एक ट्रेन चालक ने इसकी सूचना जीआरपी को दी लेकिन जीआरपी ने सुबह तक कोई कार्रवाई नहीं की।
जानकारी के मुताबिक मृतक छात्र संजय प्रजापति ग्राम डेंडा, तहसील त्योथर जिला रीवा का रहने वाला था।, उसके पिता केदारनाथ प्रजापति पेशे से किसान हैं। संजय मेडिकल कॉलेज के पास अपने दोस्त आलोक के साथ रूम लेकर रहता था। आलोक ने बताया कि सोमवार की रात को हम दोनों ने साथ में खाना खाया। इसी बीच उसने घर जाने की बात कही, मैंने उसे सुबह जाने कहा, लेकिन उसने बताया कि यदि वह रात साढ़े बारह बजे काशी एक्सप्रेस से निकल जाएगा तो समय पर घर पहुंच सकता है। उसने बताया कि उसके सिर दर्द की दवा भी खत्म हो गई है, जो उसके घर के पास ही मिलेगी। यह कहकर वह रात तकरीबन साढ़े 10 बजे रूम से निकल गया।
जीआरपी और आरपीएफ की सुस्त कार्यशैली ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना रात तकरीबन साढ़े 12 बजे काशी एक्सप्रेस से गिरने की बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक गश्त के जवान भी आराम से थाने में नींद ले रहे थे। ट्रेन के ड्राइवर ने स्टेशन प्रबंधक को घटना की जानकारी दी, जहां से थाने में खबर पहुंची, लेकिन कोई भी जवान घटना स्थल पर नहीं पहुंचा।
जेब में मिला आईकार्ड
जीआरपी के मुताबिक सुबह तकरीबन साढ़े आठ बजे जब शव के कपड़ों की जांच की गई तो छात्र का आईकार्ड मिला। इसके बाद छात्र के कॉलेज से संपर्क कर उनके अभिभावकों को जानकारी दी गई।
एम सिंह,
चौकी प्रभारी, जीआरपी मदन महल