कर्मचारी संघ की मांगों में हर वर्ग की चिंता

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ आगामी 30 सितम्बर को सामूहिक अवकाश आंदोलन करने जा रहा है। कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों में हर वर्ग के कर्मचारी की चिंता की है। पढ़िए क्या हैं कर्मचारी संघ की प्रमुख मांगें।

  • माननीय मुख्यमंत्री जी के घोषणा अनुसार प्रदेश के समस्त संवर्गों के सभी कर्मचारियों को त्रिस्तरीय पदोन्नति समयमान वेतनमान 10, 20 एवं 28 वर्ष की सेवा उपरांत दिया जायें।
  • वेतनमान रूपये 5000-8000 एवं 5500-9000 में ग्रेड पे रूपये 3200 एवं 3600 के स्थान पर केन्द्र सरकार तथा छततीसगढ सरकार के समान ग्रेड पे रूपये 4200 की जायें एवं वेतनमान रूपये 6500-10500 में ग्रेड पे रूपये 4200 के स्थान पर 4800 दी जायें ।
  • जनवरी से 30 जून तक वार्षिक वेतनवृद्धि प्राप्त करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों को केन्द्र एवं छत्तीसगढ सरकार के समान छठवे वेतनमान के अंतर्गत एक वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ दिया  जायें ।
  • लिपिकों के वेतन में चली आ रही विंसगतीयों को शीघ्र दूर किया जाऐ, ताकि सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल एवं लेखापाल से कनिष्क लेखा अधिकारी /आडिटर के पद पर पदोन्नति होन पर आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके।
  • समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों का वृत्ति कर समाप्त कर दिया जावे।
  • पेंषन गणना हेतु अधिवार्षिकी आयु केन्द्र सरकार के समान  25 वर्ष की जाये ।
  • दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों एवं संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जायें तथा नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान एवं अन्य सुविधायें प्रदान की जायें ।
  • विभिन्न संवर्ग के कर्मचारियों यथा लिपिक, कार्यपालिक एवं तकनीकी संवर्ग के वेतनमान की विसंगतियों को दूर किया जायें ।
  • समस्त अधिकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष की जायें ।
  • प्रदेष के कर्मचारियों को मंत्रालय कर्मचारियों के समान वेतनमान, भत्ते एवं पदोन्नति दी जायें ।
  • प्रदेष के अधिकारी/कर्मचारियों को 2011 की जनगणना के आधार पर केंद्र के समान मकान भाडा दिया जाए।
  • जुलाई 2006 से अगस्त 2008 तक के मंहगाई भत्ते के ऐरियर राषी का नगद भुगतान किया   जाये ।
  • सेवा निवृत्ती पर अवकाष नगदीकरण की सीमा 240 दिवस से बढाकर 300 दिवस की जायें ।
  • अनुकम्पा नियुक्ति का सरलीकरण किया जाए।
  • हेण्डपम्प तकनीषियनों की वेतन विसंगति दूर की जाये एवं उनकी लंबित मांगो का शीघ्र निराकरण किया जाये।
  • माननीय न्यायालय द्वारा कर्मचारी हित में दिये गये विभिन्न निर्णयों का पालन निष्चित समयसीमा में किया जाए।
  • चिकित्सकों की भाति अस्पतालों में पदस्थ पैरामेडिकल स्टाफ केा भी इमरजेंसी डयूटी भत्ता दिया जाऐ।
  • सहायक षिक्षक, षिक्षक , प्रधानाध्यपक (माध्यमिक विद्यालय) की पदोन्नति में (अध्यापक संवर्ग को नियमित षिक्षकोें के पद पर की रही पदोन्नति के कारण) उत्पन्न हो रही ंिवसंगतियों को दूर किया जाये।
  • सहायक षिक्षक से षिक्षक के पद पर पदोन्नत किया जाये।
  • षिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों के भी त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाये।
  • षिक्षक संवर्ग में वेतनमान एवं योग्यता के अनुरूप पदनाम स्वीकृत किया जाए। (षासन पर किसी प्रकार का वित्तीय भार नहीं पडेगा)
  • सहायक षिक्षक को राज्य षिक्षा सेवा में सहभागी होने का अवसर दिया जाये।
  • उच्च श्रेणी षिक्षकों/प्रधान अध्यापकों प्रचार्य हाई स्कूलों के पद पर पदोन्नति की जाऐ।
  • षिक्षकों को अर्जित अवकाष की सुविधा बहाल की जाए।
  • प्राथमिक /माध्यमिक शालाओं में छात्र संख्या का बंधन समाप्त कर प्रधान अध्यापक के पद स्वीकृत किये जाये।
  • शासकीय कार्य घंटे बढाने की प्रस्तावित योजना रद्द की जावे क्योंकि कर्मचारियों को प्रतिदिन ही अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वाह करने के लिये सुबह शाम का वक्त चाहिये।
  • अध्यापक संवर्ग को समान कार्य  समान वेतन दिया जाये।
  • तकनीकि षिक्षा विभाग के तकनीकि कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाए।
  • कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान दिया जाए।
  • छठवे वेतनमान के अनुसार ट्रांसपोर्ट एवं शिक्षा भत्ता प्रदेश के कर्मचारियों को दिया जायें ।
  • अग्रवाल वेतन आयोग की कर्मचारी हितेषी अनुसंषाओं को लागू किया जायें तथा अनुसंषा अनुरूप कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित किया जायें,  उन्हें समयमान वेतनमान एवं अनुकम्पा निुयक्ति का लाभ दिया जायें ।
  • प्रदेष के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को छत्तीसगढ सरकार के समान कम्पयूटर भत्ता दिया जायें।
  • निगम मण्ड़लों में कार्यरत कर्मचारियों को छठवें वेतनमान का लाभ एवं अन्य लाभ राज्य कर्मचारियों के समान उन्हें देय दिनाॅक से ही दिये जायें।
  • सामान्य भविष्य निधि नियमों का सरलीकरण किया जायें। जिन खातों में लेख पर्चियाॅ त्रुटिपूर्ण जारी हो रही हो उनके लिये महालेखाकार की लेख पर्ची की अनिवार्यता को समाप्त कर आहरण एवं संवितरण अधिकारी के प्रमाण पत्र के आधार पर राषि स्वीकृत की जावे तथा पूर्ववर्ती दो वर्ष के स्थान पर वर्तमान वर्ष संस्थापित किया जावें।

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