भोपाल। शुक्रवार को वीसी के दौरान सीएम की नाराजगी का शिकार हुए अशोकनगर कलेक्टर को हटा दिया गया है, जबकि शिवपुरी कलेक्टर को एक मौका और मिल गया। अशोकनगर कलेक्टर आरबी प्रजापति को मंत्रालय में उपसचिव पद पर बुला लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव अरुण तौमर को अशोकनगर कलेक्टर बनाकर भेजा गया है।
अशोकनगर में मामला उचित मूल्य की दुकानों पर एफआईआर का है। सीएम के आदेश के बावजूद कलेक्टर ने कार्रवाई नहीं की। वीसी में प्रजापति ने मुख्यमंत्री को बताया था कि वे डेढ़ माह से छुट्टी पर थे। इसलिए तीन उचित मूल्य की दुकानों पर एफआईआर नहीं कराई जा सकी। वास्तविकता यह थी कि विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा की शिकायत पर प्रमुख सचिव खाद्य अशोक वर्णवाल ने मार्च के महीने में तीन दुकानों का निरीक्षण किया था। उसी महीने में एफआईआर करने को कहा था। मगर कलेक्टर ने यह काम नहीं किया। इसके बाद 8 अगस्त को वर्णवाल ने फोन किया। उस दौरान एडीएम के पास कलेक्टर का चार्ज था।
उन्होंने मामला दर्ज करने के लिए पत्र तो लिख दिया, लेकिन खाद्य विभाग के अधिकारियों ने पुलिस को दस्तावेज नहीं सौंपे। कलेक्टर ने मार्च से जुलाई के बीच कार्रवाई नहीं की और खुद को बचाने एडीएम का नाम ले लिया, जबकि वे 28 जुलाई से 5 सितंबर तक उन्होंने अपना प्रभार एसडीएम को सौंपा था।
वीसी के दौरान गपशप कर रहे शिवपुरी कलेक्टर राजीव दुबे भी सीएम की नाराजगी का शिकार हुए थे परंतु उन्हें मौका दे दिया गया। शिवपुरी में इन दिनों फोरलेन का काम चल रहा है, इसलिए भी कलेक्टर को हटाया जाना उचित नहीं माना गया।