इंदौर। नगर निगम के राजस्व में ईंधन खपत के नाम पर करोड़ों की चपत लगाई गई है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब मामले में मिली शिकायतों की जांच की गई। जांच रिपोर्ट में 15 लीटर डीजल में गाड़ी सिर्फ एक चक्कर लगा रही है। कुछ वाहनों को एक दिन में 75 लीटर तक डीजल सप्लाई किया गया।
पूरा खेल पेट्रोल पंप कर्मचारियों और नगर निगम के कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रह है। निगम कमिश्नर के मुताबिक एक साल में 15 से 18 करोड़ रूपए ईंधन पर खर्च होते हैं। जबकि 300 किलोमीटर चलने वाले वाहन 10 फीसदी भी नहीं चलते। कमिश्नर ने जोनल अफसर और इंजीनियर्स को डीजल वितरण व्यवस्था पर निगरानी के आदेश दिए हैं। साथ ही मामले में डीजल चोरों पर एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।