अपने चमत्कारों से दुनिया को चकित करने वाले भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी इस वर्ष 5 सितम्बर को आ रही है। यह एक सुखद संयोग है कि इसी दिन रोहिणी नक्षत्र भी है। इस दिन अमृत सिद्धि योग भी है। आप जिस भाव के साथ भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करेंगे वह भाव और उसका फल आपके जीवन में सदैव के लिए स्थापित हो जाएगा। ऐसे अवसर बार बार नहीं आते। बड़े सोच विचार के साथ दिनभर सात्विक रहते हुए जन्माष्टमी का व्रत कीजिए।
पं. रामजीवन दुबे के अनुसार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर शनिवार को सुबह 8.53 बजे अष्टमी शुरू होने के साथ ही रोहिणी नक्षत्र भी लग जाएगा, जो रविवार की सुबह 7.55 बजे तक रहेगा। इस दिन संवत्सर के राजा शनिदेव का दिवस होने के साथ ही चंद्रमा का वृषभ राशि में रहेगा। हर्षल योग, सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग भी रहेंगे। यह त्योहार रात्रि व्यापिनी है। रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने का विधान है। इस दिन सुबह 6.10 बजे से सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग शुरू होंगे जो रात 2 बजकर 5 मिनट तक रहेंगे। जन्माष्टमी पूजा में रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि का अधिक महत्व है।
- श्री बालाजी ज्योतिष एवं अनुसंधान केंद्र, उज्जैन