शिक्षकों के अपमान के लिए नंदकुमार माफी मांगे: कांग्रेस

Bhopal Samachar
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर आंदोलनरत अध्यापकों को लेकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान के उस बयान, जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘‘सरकार ने अध्यापकों को इतना दिया, फिर भी उनका पेट नहीं भर रहा’’, को असम्मानजनक व शर्मनाक बताते हुए कहा है कि राज्य सरकार उन्हें कोई खैरात नहीं दे रही है, पारश्रमिक उनका मौलिक अधिकार है।

उन्होंने चौहान पर पलटवार करते हुए कहा कि वे यह बतायें कि जब भारी भरकम भ्रष्टाचार से भाजपा नेताओं और पूरी सरकार का पेट नहीं भर रहा है तो ईमानदारी से अपने काम को अंजाम देकर संस्कारों को समर्पित नई पौध उत्पन्न करने वाले शिक्षकों व उनके परिवारों का पेट कैसे भर सकता है?

श्री मिश्रा ने कहा कि इन दिनों प्रदेश अघोषित आपातकाल के दौर से गुजर रहा है, किसान, मजदूर, गुरूजी, अध्यापक, चिकित्सक और नर्सों सहित ऐसा कोई भी तबका नहीं बचा है, जो सरकार की गलत नीतियों, अधिनायकवादी रवैया, दमन और बर्बरता का शिकार नहीं हो रहा हो, यह सब इतना कहने के लिए पर्याप्त है कि सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो गयी है। एक लोकतांत्रिक देश/प्रदेश में अपने सम्मान की लड़ाई लड़ना सरकार से भीख मांगना नहीं हैं। यह किसी भी नागरिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और कर्मचारी संगठनों का संवैधानिक अधिकार है, किंतु जिस ढंग से प्रदेश में उक्त वर्णित वर्ग सहित मूकबधिर, विकलांग और अंधत्व जैसे ईश्वरीय प्रकोप से पीड़ित लोगों के साथ भी राज्य सरकार के इशारे पर उनके धरना-प्रदर्शन और आंदालनों में बर्बरता परोसी गई है, वह लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार के वास्तविक चरित्र से मेल नहीं खाती है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश में सरकार के सूत्र किसी हिटलर के हाथों संचालित हो रहे हैं?

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