भोपाल। सूखे की चपेट में आए 19 जिलों के किसानों ने मप्र के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने अपील की है कि वो चक्काजाम करने के लिए सड़कों पर ना आएं, खेतों में फसलें खड़ी रहने दें। नुकसान का पूरा मुआवजा फसल बीमा और सरकारी राहत से दिलवाऊंगा।"
मंत्री ने अपनी विधानसभा क्षेत्र के करीब 44 हजार किसानों को पत्र लिखकर ये अपील की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर क्षति का आकलन कराने के साथ आर्थिक सहायता मुहैया कराने की मांग की है।
तापमान में बढ़ोतरी से खेतों की नमी भी खत्म हो गई है और अब कीट प्रकोप बढ़ चुका है। यलो मोजेक वायरस से साढ़े तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन फसल को नुकसान हुआ है। बुंदेलखंड, विंध्य, महाकोशल में हालत काफी खराब है। रेहली, देवरी, हरदा सहित कई क्षेत्रों में किसानों ने खेत बखर डाले हैं। ऐसे में न तो आनाबारी (नुकसान का आकलन) निकाली जा सकेगी और न ही सर्वे हो सकेगा। इसके बिना फसल बीमा के दावे नहीं बनेंगे और आर्थिक सहायता देने का आधार भी नहीं बनेगा, इसलिए मंत्री ने किसानों को कहा है कि वे खेतों में फसल खड़ी रहने दें।
पंचों की मौजूदगी में होगा आकलन
फसल बीमा का भुगतान दिलाने नुकसान का आकलन पंचों की मौजूदगी में होगा। तहसील या पंचायत स्तर पर चार अलग-अलग जगह से फसल काटकर उत्पादन के हिसाब से क्षति निकली जाएगी। इसके आधार पर बीमा के दावे बनेंगे।