भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की लाख कोशिशों के बावजूद कालियासोत नदी को मूल स्वरूप में वापस नहीं लाया जा पा रहा है। प्रशासन नदी को पूरने के लिए डाले गए कोपरा हटा भी नहीं पाया था कि नदी को फिर से पूर दिया गया। इतना ही नहीं अतिक्रमणकारियों ने वहां बाउंड्रीवाल भी बना डाली।
विराशा हाइट्स के पास बने एक धार्मिक स्थल के पीछे सैकड़ों ट्रक मलबा नदी में डालकर लोहे की ग्रिल लगा दी गई है। जबकि सागर प्रीमियम टॉवर फेज वन के पीछे उस जगह रातोंरात बाउंड्रीवॉल बना दी गई, जहां से नदी में डाले गए कोपरा को निकालने के लिए जेसीबी और डंपरों का आना-जाना था। ऐसा माना जा रहा है कि यह बाउंड्रीवॉल निगम की कार्रवाई रोकने के लिए बनाई गई थी।
उधर, विराशा हाइट्स के पास डाले गए कोपरा को हटाने के मामले में निगम अमला पीछे हट गया। निगम अधिकारियों ने बताया कि धार्मिक मामला होने के कारण कलेक्टर को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस तरह प्रशासन की कार्रवाई में रोड़े अटकाए जा रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि बिल्डरों को न तो एनजीटी के आदेशों की परवाह है और न ही प्रशासन से किसी तरह का भय। तभी तो बाउंड्रीवॉल बनाने और कोपरा भरने के काम को अंजाम दिया गया।