भोपाल। शुक्रवार रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नरम बयान के बाद आंदोलित अध्यापक शांत हो गए थे एवं स्कूलों में वापस लौट रहे थे परंतु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के ताजा बयान ने आग में घी कर काम कर दिया।
टीवी चैनल इंडिया न्यूज को दिए अपने बयान में नंदकुमार सिंह चौहान ने बेरुखे शब्दों में कहा कि 'सरकार के इतना देने पर भी शिक्षकों का पेट नहीं भरा'। दिग्विजय सिंह के टाइम में 500 रुपए में चने फोड़ते थे। अब सरकार इनके कामों की समीक्षा कराएगी।
इसके बाद आग एक बार फिर भड़क गई है। अध्यापकों का कहना है कि सरकार की ओर से जो मिल रहा है वो उनके परिश्रम का आधा है। नंदकुमार सिंह चौहान शायद गणनाओं में कमजोर हैं। मप्र के 10 लाख कर्मचारियों को 6वां वेतनमान दे दिया गया है जबकि 3 लाख अध्यापकों को यही वेतनमान किश्तों में दिया जा रहा है। अध्यापकों ने दोहराया है कि वो सरकार से भीख नहीं मांग रहे। मप्र में शिवराज सरकार ने जो दिया वो छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार से कम है और यूपी में अखिलेश यादव की सरकार भी दे ही रही है। मप्र की सरकार कोई अनौखा रिकार्ड नहीं बना रही जो बार बार एहसान जताती है।
इसके बाद आग एक बार फिर भड़क गई है। अध्यापकों का कहना है कि सरकार की ओर से जो मिल रहा है वो उनके परिश्रम का आधा है। नंदकुमार सिंह चौहान शायद गणनाओं में कमजोर हैं। मप्र के 10 लाख कर्मचारियों को 6वां वेतनमान दे दिया गया है जबकि 3 लाख अध्यापकों को यही वेतनमान किश्तों में दिया जा रहा है। अध्यापकों ने दोहराया है कि वो सरकार से भीख नहीं मांग रहे। मप्र में शिवराज सरकार ने जो दिया वो छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार से कम है और यूपी में अखिलेश यादव की सरकार भी दे ही रही है। मप्र की सरकार कोई अनौखा रिकार्ड नहीं बना रही जो बार बार एहसान जताती है।