बाला बाला बंद हो गई गरीबों के इलाज वाली योजना

शशिकांत तिवारी/भोपाल। गरीबों के इलाज के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) एक साल बाद ही खामोशी के साथ बंद कर दी गई। एवज में दूसरी कोई योजना शुरू भी नहीं की गई। प्रदेश के जिन छह लाख परिवारों को योजना से जोड़ा गया था, कार्ड नवीनीकरण नहीं होने से अब इन परिवारों के करीब 25 लाख लोगों को इलाज मिलना बंद हो गया है।

साथ ही नए परिवार भी इस योजना में नहीं जोड़े जा रहे हैं। यूपीए सरकार ने 2008 से स्वास्थ्य बीमा योजना कुछ राज्यों से शुरू की थी। इसके लिए 75 फीसदी केन्द्र व 25 फीसदी प्रीमियम राज्य सरकार दे रही थी। इफको टोकियो बीमा कंपनी के सहयोग से मध्यप्रदेश में मार्च 2012 से योजना शुरू हुई, पर इलाज 2013 से मिलना शुरू हुआ।

साल भर बाद ही केन्द्र ने योजना से हाथ खींच लिए। फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ी योजना बंद होने की तीन बड़ी वजह बताई जा रही हैें। उप्र समेत कई राज्यों में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। फर्जीवाड़े के चलते भोपाल में भी दो अस्पतालों को योजना से बाहर किया गया था।

भोपाल में योजना के तहत इलाज पर 3 करोड़ 37 लाख खर्च हुए। अधिकारियों ने बताया छह लाख परिवारों में बमुश्किल 3 मरीजों को छोड़ सभी ने निजी अस्पतालों में इलाज कराया। एक परिवार पर औसतन 5000 रुपए खर्च हुए। इसी फर्जीवाड़े को देखते हुए आरएसबीवाय बंद कर केन्द्र सरकार नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम सभी के लिए लाना चाहती है।

मप्र में दीनदयाल योजना के साथ अन्य राज्यों में भी गरीबों के इलाज के लिए पहले से योजनाएं चल रही हैं, इसलिए लोक लेखा समिति ने भी आपत्ति की थी। तब पता चला भीमनगर भोपाल निवासी आशीष विश्वकर्मा ने बताया कि मां का इलाज कराने चिरायु अस्पताल गए। बिल मिलने पर आरएसबीवाय कार्ड दिया तो एकांउटेंट ने लेने से मना कर दिया।

पत्नी का नेशनल अस्पताल में इलाज कराने में भी योजना बंद होने की जानकारी दी गई। नेहरू नगर में रहने वाले दिनेश विश्वकर्मा ने बताया कि लिवर में सूजन का नर्मदा अस्पताल में इलाज कराया। इस कार्ड से इलाज करने से मना कर दिया। सीएम स्वेच्छानुदान से भी सहायता नहीं मिली तो 2 लाख कर्ज लेकर इलाज कराया।

यह था फायदा
योजना में बीपीएल परिवार में पांच लोगों का हर साल 30 हजार रुपए का इलाज चिन्हित सरकारी व निजी अस्पतालों में मुफ्त था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि गरीब परिवारों के लिए पहले प्रदेश में दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना चल रही है, इसमें भी 30 हजार का इलाज मुफ्त है। फर्क यह है कि दीनदयाल योजना में सिर्फ सरकारी अस्पताल में इलाज मिलता है वह भी भर्ती होने पर। आरएसबीवाय में ओपीडी व भर्ती दोनों स्थितियों में इलाज की छूट थी। सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं भी कम हैं।

योजना की खास बातें
योजना में शामिल जिले- भोपाल, रायसेन, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना व अशोकनगर।

प्रीमियम राशि कार्ड खर्च सहित-309 रुपए - भोपाल में ढाई लाख बीपीएल परिवारों में 1लाख समेत प्रदेश में 6 लाख परिवारों के आरएसबीवाई कार्ड बने।

नवीनीकरण नहीं
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना साल भर से ज्यादा समय से बंद है। जिन परिवारों के कार्ड बन गए थे, उनका साल भर इलाज हुआ, लेकिन नवीनीकरण नहीं किया गया।
डॉ. हेमंत सिन्हा, डिप्टी डायरेक्टर, आरएसबीवाय

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