भोपाल। मप्र कॉडर के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों को अपने नाम जमा संपत्तियों की डीटेल्स देने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन परिजनों की प्रॉपर्टी डीटेल्स वो किसी भी सूरत में देना नहीं चाहते। वो इससे बचने के रास्ते तलाश रहे हैं। डीओपीटी के सामने विरोध भी जता चुके हैं और इसके लिए फिक्स लास्ट डेट भी 3 बार बदली जा चुकी है। अब 30 अक्टूबर तक उन्हें बताना है कि उनके भाई, साले साहब या माता पिता के नाम क्या क्या संपत्तियां दर्ज हैं।
हालांकि अफसरों को उम्मीद है कि डीओपीटी उनके विरोध को देखते हुए ये निर्णय ही वापस ले सकती है। इसी उम्मीद के चलते वे जानकारी देने से बच रहे हैं। डीओपीटी ने मप्र के मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा को पांच बार पत्र लिखकर आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों की चल संपत्ति की जानकारी देने को कहा है। मंत्रालय ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अंतिम तारीख का इंतजार न करें, कारण कि आखिरी समय में एक साथ सभी के संपत्ति विवरण आने से उन्हें जांचने-परखने में परेशानी होगी।
आईएएस एसोसिएशन की अध्यक्ष रहीं अरूणा शर्मा ने डीओपीटी को पत्र लिखकर परिजनों की संपत्ति का खुलासा करने पर विरोध जताया था। इस मामले में आईपीएस और आईएफएस एसोसिएशन भी उनके साथ थे, लेकिन डीओपीटी ने उनकी मांग खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि लोकपाल-लोकायुक्त कानून 2013 के तहत अफसरों को हर साल अपनी संपत्ति के साथ-साथ पत्नी और बच्चों की चल-अचल संपत्ति की आनलाइन जानकारी देना जरूरी है।
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घोषित से 10 ग्राम ज्यादा रख सकते हैं सोना
डीओपीटी ने जनवरी 2015 में जो पीएआर फार्म जारी किए उसके अनुसार घोषित चल संपत्ति, विशेषकर जेवरातों में 10 ग्राम सोना और 100 ग्राम चांदी ज्यादा रखा जा सकता है। इससे अध्ािक के जेवरात पाए जाते हैं तो आय से अधिक संपत्ति के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पांच बिंदू में देनी है जानकारी
सोना, चांदी, डायमंड आदि की जानकारी देनी होगी।
घर में महंगे फर्नीचर, एंटिक आयटम, पेंटिंग, इलेक्ट्रानिक्स आयटम और इक्यूपमेंट शामिल हैं।
नकद पैसा, इंश्योरेंस, शेयर, बॉड्स, म्युचूअल फंड, पेंशन स्कीम योजना।
पर्सनल लोन, एक लाख स्र्पए से ज्यादा एडवांस लेना या देना, वाहन।
अचल संपत्ति, जमीन, मकान, दुकान।
पैसा उधार देने का पूरा ब्यौरा, यदि उधार लिया तो जिससे लिया उसका ब्यौरा।
दिल्ली से आएंगे अफसर
चल संपत्ति आनलाइन जमा करने का नया फार्मेट आया है। कई अफसरों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर किस तरह अपनी संपत्ति की जानकारी दें। इसके लिए अगले हफ्ते डीओपीटी से अफसर यहां आकर बताएंगे कि किस तरह आनलाइन संपत्ति का ब्यौरा देना है। इसके बाद हम सभी अफसरों से उनके परिजनों की संपत्ति आनलाइन जमा करवा लेंगे।
रश्मि अरूण शमी, सचिव कार्मिक विभाग