नई दिल्ली। अब आपको 90 दिन तक आपके मैसेजेस सेव करके नहीं रखने होंगे। सरकार ऐसा कोई कानून बनाने नहीं जा रही। उसने केवल एक रायशुमारी की थी। सोशल मीडिया पर तीखा विरोध देखते हुए सरकार ने उपभोक्ताओं पर यह शर्त लादने से इंकार कर दिया है।
सरकार वॉट्सऐप, स्नैपचैट और गूगल हैंगआउट्स जैसे इंटरनेट बेस्ड कम्युनिकेशन से इन्क्रिप्टेड मैसेज को कम से कम 90 दिन तक सेव रखना चाहती है। सरकार यह भी चाहती थी कि आपको 90 दिन पुराने सारे रिसीव्ड मैसेज प्लेन टेक्स्ट में सेव करके रखने पड़ें और किसी भी इन्वेस्टिगेशन की स्थिति में पुलिस के कहने पर दिखाने भी पड़ें लेकिन यह शर्त यूजर हेंड पर नहीं है बल्कि सर्विस प्रोवाइडर हेंड पर है।
टेलिकॉम मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन एनएन कौल ने बताया कि आम यूज़र्स को इन्क्रिप्टेड डेटा 90 दिन तक स्टोर रखने पर मजबूर नहीं किया जाएगा। वहीं, टेलिकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने भी मीडिया को बताया कि यह जिम्मेदारी सिर्फ इंटरनेट बेस्ड मैसेजिंग सर्विस देने वाली कंपनियों पर होगी। कोई नियम नहीं बनाया गया है। सिर्फ राय मांगी गई है। सरकार की तरफ से यह सफाई दी गई कि ड्राफ्ट पॉलिसी में सोशल मीडिया साइट्स और मैसेजिंग ऐप्स को छूट दी जाएगी।