भोपाल। प्रदेश भर में 1 लाख से ज्यादा अध्यापकों की गिरफ्तारी एवं भोपाल की नाकाबंदी कर देने के बावजूद लालघाटी पर हुए प्रदर्शन के बाद शिवराज सिंह नरम पड़ गए हैं। उन्होंने दोहराया कि बातचीत के रास्ते खुले हैं। मैं अध्यापकों के साथ हूं, उनके हितों का ध्यान रखता हूं, लेकिन जो मांग वो कर रहे हैं, उसके लिए समय चाहिए। उसे तुरंत पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि 'मांगें अभी पूरा करो' यह रवैया ठीक नहीं है।
प्रशासन ने अध्यापकों से आग्रह किया था कि वे अपने आंदोलन को अभी न करें। यह ऐसी मांग है जिसमें करोड़ों रुपये लगना है, इस पर वित्त विभाग और बाकी सभी से बात करना पड़ती है। इसमें समय लगता है। प्रदेश में सूखे का संकट है और अन्य परेशानियां भी हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अध्यापकों से कहा था कि शुक्रवार को ईद का दिन है, कानून व्यवस्था की समस्या रहती है, इसलिए इस दिन प्रदर्शन न करें।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि कुछ लोग इस आंदोलन को भड़काऊ दिशा में ले जाना चाहते हैं। एक तस्वीर पिछले दिनों सोशल मीडिया पर आई, जिसमें पुलिस वाला एक व्यक्ति के सिर पर पैर रखे है, यह तस्वीर मध्यप्रदेश की थी ही नहीं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार शिक्षकों के साथ और चर्चा के लिए हमेशा द्वार खुले हुए हैं।