मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मिठाई की दुकान पर काम करने वाले राजू की जिंदगी में कुछ दिनों तक कुछ भी मिठास नहीं थी। उसकी दुकान से मिठाई खरीदकर लोग अपनी जिंदगी की मीठी यादों को रंगीन कर रहे थे, लेकिन अब राजू की जिंदगी में भी खुशियां लौट आई है। गरीबी और पिता की शराब की लत की वजह से पढ़ाई छोड़ चुका राजू अब फिर स्कूल जाकर हार्डवेयर इंजीनियर बनने के अपने सपने को पूरा करेगा।
अब राजू भी दूसरे लोगों की तरह एक इज्जतदार जिंदगी जी पाएगा और यह सब संभव हुआ शहर के ही कुछ नौजवानों और उनकी 'प्रोजेक्ट स्वाभिमान' की वजह से जो राजू ही जैसे गरीब बच्चों को उनके सपने साकार करने में मदद करता है।
इस प्रोजेक्ट को शुरू किया है 'यूथ टुवर्ड्स सोशलिज्म' नाम के नौजवानों के एक ग्रुप ने। जिसके तहत ऐसे लोगों को भी ढूंढा जाता है जो उन्हें स्पॉनसर कर सकें। ताकि वो राजू जैसे और कई बच्चों की पढ़ने और आगे बढ़ने में मदद कर सकें।
प्रोजेक्ट से जुड़े एक सदस्य अर्पित ने बताया कि राजू के पिता एक ड्राइवर हैं और उन्हें शराब की लत है। इस वजह से ही राजू को पढ़ाई छोड़ काम करना शुरू करना पड़ा लेकिन अब उनकी मदद से एक बार फिर राजू अपनी पढ़ाई शुरू कर पाएगा।
अर्पित ने बताया कि उनके ग्रुप 'यूथ टुवर्ड्स सोशलिज्म' के 'प्रोजेक्ट स्वाभिमान' को विदेशों से भी काफी सराहना मिल रही है। यहां तक की अमेरिका जैसे कई देशों में रहने वाले एनआरआई भी उनके इस प्रोजेक्ट को स्पॉन्सर करने के लिए सामने आए हैं।