भोपाल। मध्यप्रदेश में इस बार चल रहा अध्यापक आंदोलन वाकई किसी संगठन या नेता की जेब में नहीं रह गया है। आजाद अध्यापक संघ की ओर से कथित स्थगन अपील के बावजूद आंदोलन जारी रखने की रणनीति बनाई गई है। सोशल मीडिया पर अध्यापक नेता राकेश कुमार ने दलील दी है कि हाईकोर्ट ने नोटिस आजाद अध्यापक संघ को दिया है, मप्र के अध्यापकों को नहीं। इसलिए अब आंदोलन बिना बेनर के चलेगा।
सोशल मीडिया पर चल रहे तमाम समूहों में डिस्कशन का दौर जारी है। ज्यादातर लोग आंदोलन को जिंदा रखना चाहते हैं। वो काली पट्टी बांधकर पढ़ाने के पक्ष में भी नहीं हैं, अलबत्ता बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं परंतु ऐसी युक्ति खोजी जा रही है कि बच्चों को पढ़ाया भी जाए और आंदोलन जमीन पर मुखरता के साथ दिखाई भी दे।
फिलहाल तय किया गया है कि रविवार को अवकाश के अवसर पर सभी आंदोलनकारी अध्यापक चौराहों पर भीख मांगेंगे। यह भीख अपने लिए नहीं बल्कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के लिए है। तख्तियों पर यह संदेश लिखा जाएगा कि मप्र सरकार कंगाल हो गई है। उसके पास कर्मचारियों को देने के लिए वेतन भी नहीं बचा है। इसलिए कृपया मप्र सरकार की मदद करें, शिवराज सिंह चौहान के नाम पर कुछ दान करें।
इस भीख से जुटी रकम को सोमवार सुबह मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराया जाएगा और इसी रसीदें सोशल मीडिया पर अपलोड की जाएंगी। प्रेस बयानों में भी इसकी रसीदों की छायाप्रति लगाई जाएगी।