भोपाल। भारतीय वनसेवा 1994 बैच के एक अफसर हैं, नाम है विश्वनाथ एस होतगी। ये महाशय गुंडागर्दी के लिए पूरे विभाग में पहचाने जाते हैं। रेस्टहाउस में तोड़फोड़ और डिप्टी रेंजर से मारपीट के एक मामले में पहले से ही विवादित थे, अब एक चपरासी को भरे आफिस में पीट डाला। कर्मचारी संगठन आंदोलित हो गए और अफसर रेस्टहाउस में जा छिपे।
वन प्रमुख नरेंद्र कुमार की निजी सेवा में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अशोक सक्सेना डाक देने के लिए विश्वनाथ एस होतगी के पास आए थे। विश्वनाथ ने अशोक की कॉलर पकड़ी और गलियारे में ही लात-घूंसे बरसाना शुरू कर दिया। अशोक भागकर संयुक्त वन प्रबंधन के कमरे में गए तो वे वहां भी पहुंच गए। अशोक वहां से निकलकर वन प्रमुख के निजी सचिव के कक्ष में पहुंचे और सारा वाकया बताया।
घटना के विरोध में कर्मचारी एकजुट हुए तो विश्वनाथ खिसक लिए और चार इमली स्थित रेस्टहाउस में जो छिपे। पीड़ित चपरासी ने पुलिस को आवेदन दे दिया है जबकि कर्मचारी संगठनों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।