भोपाल। अध्यापक मोर्चा के संरक्षक मनोज मराठे ने एक बयान जारी कर कहा है कि सरकार के पास बजट नहीं बल्कि इच्छाशक्ति की कमी है। शिक्षाविभाग से जो शिक्षक, व्याख्याता एवं प्राचार्य रिटायर्ड हो रहे हैं यदि उनका पैसा अध्यापकों में बांट दिया जाए तो 6वें वेतनमान की दोनों किश्तें तत्काल दी जा सकतीं हैं।
- सर्व शिक्षा अभियान के लिए केंद्र से पैसा आ ही रहा है।
- सरकार एक शिक्षक के रिटायर होने पर एक संविदा शिक्षक की भर्ती करती है।
- जो पैसा शिक्षक पर खर्च हो रहा था, वही तो अध्यापक मांग रहे हैं।
- फिर नया खर्चा कैसे हो गया।
- हमें तो 1998 से लेकर अब तक का मुआवजा भी मिलना चाहिए।
- हम अनपढ़ नहीं हैं, लगभग सब PG, Ded/Bed धारी है। कोई एमफिल कोई पीएचडी कोई इंजीनियरिंग तो कोई डबल PG या LLB है।
- सरकार को समझना चाहिए कि महंगाई का प्रभाव सबपर समान भाव से पड़ता है।
- जो दूध उन्हें 40 रुपए लीटर मिलता है, वो हमें 20 रुपए लीटर नहीं मिलता।
- सरकार चाहे तो अध्यापकों के बैंक खातों की जांच करा लें, हमारा हाल पता चल जाएगा।