भोपाल। पेट्रोल-डीजल में मिली राहत फौरी साबित हो सकती है, क्योंकि अनुमान लगाए जा रहे हैं कि 2 हफ्तों में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं। दरअसल 6 साल के निचले स्तर 42डॉलर प्रति बैरल पर आने के बाद अब कच्चे तेल की कीमतों में 24 प्रतिशत उछाल आया है। कच्चे तेल के दामों में उछाल तब आया जब ओपेक ने कहा कि वह दूसरे तेल उत्पादक देशों के साथ दामों को नियंत्रण में लाने के लिए समन्वय स्थापित करेगा।
ग्लोबल ट्रेंड के मुताबिक लोकल कीमतों को तय करने के लिए भारतीय ईंधन रिटेलर्स महीने में दो बार कीमतों को रिव्यू करते हैं। अगला रिव्यू सितंबर के बीच होगा, जिसमें दाम बढ़ने की पूरी आशंका है।
क्रूड में गिरावट ने इस साल देश में ईंधन सस्ता करने में अहम भूमिका जताई। जून से लेकर अब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 6.5 रुपए और 9 रुपए की गिरावट आ चुकी है।
दिल्ली में तेल की कीमत अप्रैल 16 से न्यूनतम 61.20 गई है जबकि अगस्त 2013 में डीजल न्यूनतम 44.45 पर रहा है। बीते साल जून से क्रूड ऑयल में आ रही गिरावट भारत के लिए वरदान साबित हुई है।
दरअसल वित्तीय वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही के जीडपी आंकड़े में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिससे बाजार में भी अस्थिरता कायम है। यह आंकडा अप्रैल से जून तिमाही पर आधारित है, जबकि जनवरी से मार्च तिमाही में यह आकडा 7.5 प्रतिशत था। सरकार द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक जीडीपी 7.5 प्रतिशत से गिरकर 7 प्रतिशत रह गई है, जिससे काफी हद तक उम्मीदें टूटी हैं।