भोपाल। मप्र के मॉडल स्कूलों में हुईं अध्यापकों की प्रतिनियुक्तियों पर अब विवाद गहराता जा रहा है। कार्यरत अध्यापकों का दावा है कि उन्हें 5 साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है अत: इससे पहले रद्द नहीं किया जा सकता जबकि दूसरा वर्ग इन प्रतिनियुक्तियों को रद्द कराना चाहता है। वो शासन की ओर से जारी आदेश के पक्ष में हैं। पढ़िए यह ईमेल:
आयुक्त महोदय,
महोदय जी,
निवेदन है कि म.प्र.पंचायती /नगरी निकाय में कार्यरत अध्यापक संवर्ग का एक बडा़ अमला पदोन्नति हेतु रिक्त पदों पर आश्रित रहता हैं ऐसे में अगर दूसरे निकाय से आकर रिक्त पदों के विरूद्व प्रतिनियुक्ति की जाती हैं तो निष्चित रूप से उस निकाय की पदोन्नति के लिए रिक्त पदो की विषम समस्या उत्पन्न हो जाती है।अतः आपके द्वारा माॅडल स्कूल में प्रतिनियुक्ति समाप्त करने की विज्ञप्ति जारी करना अतंयत्त सराहनीय प्रयास है।
प्रतिनियुक्तियां व्यवस्था के तौर पर की जाती हैं किसी भी प्रकार से नियुक्ति नहीं मानी जाती हैं अगर इस आदेश के खिलाफ किसी भी प्रकार का स्टे या कुछा किया जाता हैं। तो वह आपके आदेष का उल्लघंन होगा और समस्या का समाघान भी नहीं है।
महोदय जी बालाघाट जिले में कुछ माॅडल स्कूल जो नगरीय निकाय में आते हैं वहां पर जिला पंचायत से नियुक्त ओर प्रतिनियुक्ति से आये वरिष्ट आध्यापकों के चलते पदोन्नति हेतु पद रिक्तिता की विषम समस्या बनी हुई है।यही समस्या म.प्र. के अन्य स्थानों में भी है।ऐसे मैं आपसे निवेदन है कि जो भी वरिष्ठ अध्यापक जिला पंचायत से नियुक्त होकर नगरीय निकाय के माॅडल स्कूलों मे प्रतिनियुक्त उन्हें तत्काल उनके निकाय में वापस किया जायें इससे पदोन्नति हेतु निकाय में रिक्त पदों प्रतिपूर्ति होगी ।
महोदय जी आपके द्वारा नियमों मे शिथिलता लाकर इन्हें यथावत रखा जाता है। तो निश्चित रूप सें नगरीय निकाय के सीमित क्षेत्र में बरसों से पदोन्नति की बाट जोह रहे अध्यापको के हित के लिये कुठाराघात होगा।आपसे अपेक्षा हैं कि माॅडल स्कूल की प्रति नियुक्तियां शीध्र ही समाप्त की जायें।
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आयुक्त महोदय, मॉडल स्कूलों की प्रतिनियुक्तियां यथावत रखें
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