भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक अनूठा फैसला सुनाया है। उसने पॉलीथिन बेचने वाले व्यापारियों को पूरे भोपाल शहर में सफाई करने के आदेश दिए हैं, क्योंकि इन्हीं व्यापारियों की पॉलीथिन के कारण शहर में गंदगी हुई है। 23 सितम्बर तक व्यापारियों को बताना है कि वो यह सब कैसे करेंगे।
एनजीटी में शुक्रवार को संदीप लहरिया की ओर से अमानक स्तर (40 माइक्रोन) की पॉलीथिन की बिक्री व निर्माण रोकने को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें पुराने शहर के पॉलिथिन व प्लास्टिक के दोने, पत्तल, ग्लास आदि सामग्री बेचने वाले छह थोक व्यापारी पहुंचे। सुनवाई करते हुए जस्टिस दलीप सिंह और न्यायिक सदस्य बिक्रम साजवान की बैंच ने कहा कि 'आपने जो अमानक पॉलीथिन बेची, उसकी वजह से भोपाल में जहां देखो वहां पॉलीथिन नजर आती है। यहां तक कि रेलवे ट्रैक भी पन्नियों से पटा रहता है। अब आप लोगों की ही जिम्मेदारी है कि रेलवे ट्रैक को पन्नी मुक्त करें। आपके कारण यह गंदा हुआ है, अब आप ही इसे साफ करेंगे।' इस मामले की 23 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।
इंदौर में बैठे हैं बड़े व्यापारी
ट्रिब्यूनल ने व्यापारियों से पूछा कि उन्होंने अमानक स्तर की पॉलीथिन कहां से खरीदी? इस पर उन्होंने इंदौर के व्यापारियों के नाम का उल्लेख किया और कहा कि वहां से ही थोक में माल आता है। इंदौर में ही बड़े व्यापारी बैठे हैं।