भोपाल। लम्बे समय के बाद अरुण यादव ने अपनी टीम की घोषणा की परंतु इस घोषणा के साथ ही बवाल शुरू हो गया। आरोप है कि यादव की नई टीम में उन फेलियर्स को वजन दिया गया है जो फुस्स हो जाने के बाद यादव की जीहुजूरी में लगे हुए थे। इसके अलावा यादव पर जातिवाद का आरोप भी मढ़ा गया है। नई पीसीसी में यादवों की संख्या ज्यादा है जबकि मुसलमानों और कायस्थों को दरकिनार कर दिया गया।
नई टीम में जनता द्वारा नकारे गए नेताओं की भीड़ नजर आती है। इनमें सबसे ऊपर नाम है प्रेमचंद गुड्डू का। उन पर तो विधानसभा चुनाव में अधिकृत प्रत्याशी के बी फार्म को लेकर कई गंभीर आरोप लगे थे। इसी क्रम में महासचिव बनाए गए जगदीश यादव भी आते हैं, जिन्होंने सार्वजनिक मंच से दिग्विजय सिंह के खिलाफ बयान दिए थे।
डेढ़ दर्जन यादव नेताओं को जिम्मेदारी दिए जाने से यादव पर पार्टी में जातिवाद फैलाने के आरोप भी लग रहे हैं। दूसरी तरफ मुस्लिमों और कायस्थों को भी नजर अंदाज किया गया है। उधर टीम को लेकर जब यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लक्ष्मण सिंह सम्माननीय नेता हैं। उन्हें विशेष आमंत्रितों की सूची में रखा है, लेकिन अग्रवाल के फैसले पर यादव ने कोई टिप्पणी नहीं की।
मानक से मनमुटाव सार्वजनिक
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव का मानक अग्रवाल से मनमुटाव सार्वजनिक हो गया। यादव ने अपनी वीटो का यूज करते हुए मानक को किकआउट कर डाला। मानक ने भी पीसीसी को यादव एंड चापलूस कंपनी बताते हुए बाहर से ही संगठन का काम करने का ऐलान कर डाला।
छोटी रानीजी भी नाराज
कांग्रेस के राज साहेब दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह की पत्नी भी अरुण यादव की नई टीम से नाराज हैं। छोटी रानीजी रुबीना सिंह ने ट्वीट किया कर लिखा है - जिस व्यक्ति ने हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी को अच्छे परिणाम दिए, उसे कैसे हटा दिया गया? उनका इशारा पति लक्ष्मण सिंह की तरफ था। वहीं उन्होंने लिखा कि विधानसभा चुनाव में अपनी जमानत नहीं बचा पाने वाले नितिन चतुर्वेदी जैसे कई नेताओं को पीसीसी में जगह दे दी गई। यादव की टीम में चतुर्वेदी सचिव बनाए गए हैं।