रतीराम श्रीवास/टीकमगढ। जिले में शौचालय घोटाला आकार ले रहा है। मोदी के स्वच्छता अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में एक शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है। योजना के संचालकों की निगाहें, सरकार से आने वाले 12 हजार रुपए पर टिकी हुई है। लाखों शौचालय बनने हैं। करोड़ों का घोटाला होगा। शुरूआत हो चुकी है।
रिश्वतखोरी खुलेआम चल रही है। जिस हितग्राही ने सरपंच सचिव आधी रकम रिश्वत में मांग रहे हैं वो भी एडवांस। दे दिया तो, अनुदान आपके खाते में आ जाएगा। नहीं तो राम राम।
गरीब तबके आदमी से कहा जा रहा है पहले शौचालय निर्माण कार्य कराओ इसके बाद शासन की ओर से 12 हजार रुपया की राशि हितग्राही के खाते मे डाली जायेगी।
जिले मे अकाल जैसी स्थिति है। गरीब आदमी के पास खाने को रोटी नही पहनने को कपडा नही सोने को छत नही है। ऐसी स्थिति मे गरीब आदमी पहले पैसा लगाकार शौचालय कैसे बनवा सकता है।
सरपंच सचिव पूर्व से बने शौचालय को नवीन शौचालय बताकर 12 हजार प्रति शौचालय हड़प रहे हैं।
जिले में अब तक 703 हितग्राहियों के नाम 12 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
यह पहला चरण है। अब हिताग्राहियों की संख्या लाखों और अनुदान की रकम करोड़ों रहेगी।
सुगबुगाहट तो यह भी है कि शौचालय घोटाले का हिस्सा सचिव से लेकर कलेक्टर तक बंटेगा।