भिंड। कलेक्टर मधुकर आग्नेय लगातार विवादों में चल रहे हैं। कभी संविदा शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच छुपाने तो कभी किसी नेता से विवाद। ताजा मामला नगरीय निकाय से आ रहा है। कलेक्टर ने बिना शासन की अनुमति लिए निकाय के ईई का प्रभार पीडब्ल्यूडी के ईई को सौंप दिया। प्रभारी ईई ने कुर्सी पर बैठते ही खेल शुरू कर दिया। मामला जब मंत्रालय तक पहुंचा तो इस प्रभार को निरस्त कर दिया गया।
पीडब्ल्यूडी ईई को दिया गया नगरीय निकाय ईई का प्रभार नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल ने निरस्त कर दिया है। इस संबंध में वहां से भिंड नगर पालिका सीएमओ को एक लिखित ऑर्डर भी जारी किया गया है। इसमें साफ कहा गया है कि शासन की बिना अनुमति के खाली पद का प्रभार नहीं दिया जा सकता। दूसरी ओर बसपा नेता व पूर्व जिपं अध्यक्ष संजीव सिंह कुशवाह ने इस मामले की शिकायत लोकायुक्त से करने व न्यायालय में जाने की बात कही है।
तीन माह पहले नगरीय निकाय के ईई का प्रभार कलेक्टर मधुकर आग्नेय ने पीडब्ल्यूडी ईई पीके जैन को सौंप दिया था। यह काम पहले ग्वालियर के ईई देख रहे थे। कलेक्टर ने उक्त प्रभार बिना शासन की अनुमति लिए दिया। बताया जाता है कि श्री जैन ने प्रभार ग्रहण करते ही रुके कई कार्यों को टीएस (तकनीकी स्वीकृति) दे दी। इसके अलावा भुगतान भी कराए। यह मामला नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के संज्ञान में आया, जिसके बाद प्रमुख अभियंता प्रभाकांत कटारे ने इस संबंध में सोमवार को भिंड नगर पालिका सीएमओ के नाम पत्र लिखा। इसमें उन्होंने उल्लेख करते हुए कहा कि रिक्त पद का प्रभार शासन की अनुमति के बिना न सौंपा जाए। इसके पालन में कलेक्टर को कार्यपालन यंत्री की व्यवस्था के लिए शासन को पत्र भेजना चाहिए था लेकिन बिना अनुमति के उन्होंने प्रभार दे दिया, जो कि गलत है। इसलिए इस प्रभार को निरस्त किया जाता है।
बसपा नेता बोले- इस मामले में जाएंगे न्यायालय :
बसपा नेता व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजीव सिंह कुशवाह का कहना है कि उन्होंने इस मामले में पहले ही संदेह व्यक्त करते हुए कहा था कि यह प्रभार गलत तरीके से दिया गया है। पीडब्ल्यूडी ईई ने नियम को दर-किनार करते हुए करोड़ों के कार्यों को टीएस दे दी। इसके अलावा अन्य फर्जीवाड़ा भी उनके द्वारा किया गया है। हम इस मामले में न्यायालय जाएंगे और लोकायुक्त को भी पत्र लिखेंगे। लोकायुक्त द्वारा भी नपा के भ्रष्टाचार की जांच की जा रही है।