भोपाल। मुख्यमंत्री की तीखी प्रतिक्रिया के बाद अध्यापक संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि यह आंदोलन किसी नेता के हाथ में नहीं रहा। 25 सितम्बर की प्रस्तावित रैली को कोई नहीं रोक सकता। प्रदेश का हर अध्यापक इस रैली के पक्ष में है, इसलिए रैली तो होकर ही रहेगी।
कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने अध्यापकों के आंदोलन को अवैधानिक करार देते हुए कहा है कि बात करनी है, तो उन्हें पहले आंदोलन खत्म करना होगा। इस खुली चेतावनी के बाद भी अध्यापक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस बैठक के बाद अध्यापकों का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव से मिला। प्रतिनिधिमंडल की करीब आधा घंटे मंत्री से चर्चा हुई। यहां अध्यापकों ने अपनी मांगों को जायज बताते हुए उन्हें पूरी कराने की अपील की।
आजाद अध्यापक संघ के अध्यक्ष भरत पटेल ने बताया कि श्री भार्गव ने छठे वेतनमान की किस्त एकमुश्त देने में आर्थिक दिक्कत बताते हुए मांगों का निराकरण कराने के लिए बीच का रास्ता निकालने का भरोसा दिलाया है। दिनेश साल्वी ने बताया कि प्रदेश के नियमित कर्मचारियों को सरकार ने वर्ष 2006 से छठा वेतनमान दिया है। हम तो वर्ष 2015 से मांग रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक साल देरी होने से हम दस साल पिछड़ जाएंगे। सरकार सातवां वेतनमान वर्ष 2025 से पहले नहीं देगी।
संघ के अध्यक्ष पटेल ने बताया कि 24 सितंबर को आयुक्त लोक शिक्षण से मिलेंगे। यदि मांगों का निराकरण नहीं हुआ, तो 25 को राजधानी में रैली होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में रैली की तैयारियां चल रही हैं। मंत्री भार्गव से मिले प्रतिनिधिमंडल में उपेन्द्र कौशल, दिनेश साल्वी, जावेद खान सहित अन्य अध्यापक शामिल थे।