भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कथित कृपापात्र कंपनी दिलीप बिल्डकॉन और शिवपुरी के आदिवासियों के बीच तनाव की स्थिति बन गई है। पहले आदिवासियों ने दिलीप बिल्डकॉन के 50 से ज्यादा डंपरों को बंधक बना लिया था, अब दिलीप बिल्डकॉन ने आदिवासियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। इसके बाद तनाव और ज्यादा बढ़ गया है।
- शिवपुरी में आदिवासियों की 'सहरिया' प्रजाति रहती है। यहां चल रहा फोरलेन का काम दिलीप बिल्डकॉन के पास है। इस काम के दौरान मिट्टी एवं मुरम की भारी मात्रा में जरूरत पड़ती है।
- दिलीप बिल्डकॉन के अधिकारियों ने इस समस्या से मुक्ति के लिए आसपास के आदिवासियों से एक विशेष प्रकार का एग्रीमेंट किया। जिसके तहत आदिवासियों ने 5000 रुपए के शुल्क के बदले दिलीप बिल्डकॉन को उनके खेतों में उत्खनन करने की अनुमति दे दी।
- आदिवासी हितों के लिए यहां एक संगठन 'सहरिया क्रांति' भी सक्रिय है। जब 'सहरिया क्रांति' को इसका पता चला तो उसके कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए एवं आदिवासियों को समझाया कि इस तरह का अनुबंध अवैध होता है। आप कृषि भूमि को खदान में परिवर्तित नहीं कर सकते।
- आदिवासियों को भी समझ आ गया कि यदि खेत ही खुद गए तो फिर खेती कैसे होगी।
- यहां दिलीप बिल्डकॉन के 50 से ज्यादा डंपर आदिवासियों के 4 फिट गहरे खुद चुके खेतों में से मिट्टी भरने के लिए आ गए।
- आदिवासियों ने मिट्टी देने से इंकार कर दिया और दिलीप बिल्डकॉन के डंपरों को बंधक बना लिया।
- बाद में अवैध उत्खनन करने आए डंपरों को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
- आरोप है कि सीएम हाउस के संरक्षण के चलते दिलीप बिल्डकॉन के सभी 50 डंपरा बिना कार्रवाई छोड़ दिए गए।
- उल्टा आदिवासियों के आंदोलन को कुचलने के लिए सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन सहित अन्य आदिवासियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई।
- अब वहां तनाव की स्थिति निर्मित हो गई है। आदिवासियों का कहना है कि दिलीप बिल्डकॉन के नाम पर कुछ गुंडे उनका गांव उजाड़ने की धमकी दे रहे हैं, जबकि एफआईआर दर्ज होने के बाद सुगबुगाहट यह भी है कि आदिवासी दिलीप बिल्डकॉन का काम बंद कराने के लिए नई रणनीति बना रहे हैं।