भोपाल। रेलवे में रिश्वतखोरी तो जैसे परंपरा हो गई है। हालात यह हैं कि एसी कोच के टीटी भी बिना चेहरा देखे, रिश्वत के बदले एसी कोच की बर्थ अलाट कर देते हैं। पिछले दिनों सेंट्रल स्कूल की प्रिंसीपल को लूटने वाले लुटेरे भी टीटी को टिप देकर ही एसी कोच में सवार हुए थे।
ग्वालियर के केंद्रीय विद्यालय नंबर-2 की प्रिंसीपल रेखा सक्सेना को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति पदक के लिए समता एक्सप्रेस से दिल्ली जा रही थीं। उनके साथ उनके बहनोई सुरेन्द्र सक्सेना भी थे। रेखा सक्सेना समता एक्सप्रेस के ए-1 कोच में बर्थ नंबर 31 पर सुरेन्द्र बर्थ नंबर-36 पर सवार थे। मथुरा के बाद जब वे खाना खाकर बर्थ पर लेटे तो बदमाशों ने स्प्रे कर उन्हे बेहोश कर दिया और उनकी घड़ी, 50 हजार रुपए नगद और पर्स लूट ले गए। हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर मुकदमा दर्ज कर मथुरा जीआरपी को ट्रांसफर कर दिया गया। मथुरा की टीम इसकी जांच में लगी थी।
एसपी जीआरपी गोपेश नाथ खन्ना ने बताया कि हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर सीसीटीवी फुटेज देखे गए। उसमें तीन संदिग्ध युवक नजर आए। उसी कोच में सवार छत्तीसगढ़, दुर्ग के तीन यात्रियों को ट्रेस किया गया। वह सभ्रांत घर के निकले। उन्होंने बताया कि तीन युवक बिहारी भाषा बोल रहे थे। वे रेखा सक्सेना के पास की बर्थ पर सवार हुए थे। इसके बाद रेलवे के रिजर्वेशन चार्ट चेक किए गए तो पता चला कि वह बर्थ आरक्षित ही नहीं थी। खुलासा हुआ है कि टीटी ने पैसे लेकर अनजान युवकों को एसी कोच में बैठाया। वही अनजान युवक वारदात कर गए। उस वक्त ट्रेन में तैनात टीटी अमृत लाल और संजीव वाजपेयी को जिम्मेदार पाया गया है। दोनों के नाम उल्लेखित करते हुए रिपोर्ट रेलवे अधिकारियों को सौंप दी गई है।