भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने प्रदेश सरकार पर वित्तीय मामलों में पूरी तरह विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि चंद नौकरशाह सलाहकारों के बल पर चल रही सरकार अपनी त्रुटिपूर्ण नीतियों और योजनाओं की वजह से आर्थिक दिवालियेपन की कगार पर पहुंच चुकी है। अब तक सवा लाख हजार करोड़ का कर्जभार प्रदेश सरकार के कंधों पर आ पहुंचा है। हाल ही में 15 दिनों में दूसरी बार 1000 करोड़ रूपये का कर्ज लेना कांगे्रस के आरोपी की पुष्टि करता है।
मिश्रा ने कहा कि इस आर्थिक बदहाली की वजह सिर्फ और सिर्फ भाषणवीर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान और उनके चंद नौकरशाहों की विफलता ही है। सरकार का पूरा ध्यान मात्र मुख्यमंत्री की छवि चमकाने में ही लगा हुआ है। विभिन्न योजनाओं के विज्ञापन और उनके महिमामंडन के लिए किये जा रहे बडे़-बड़े कार्यक्रमों में पैसा पानी की तरह बहाने पर ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती दिग्विजयसिंह सरकार के समय प्रदेश पर लगभग 33 हजार करोड़ रूपयों का कर्ज था, जो अब बढ़कर लगभग सवा लाख हजार करोड़ रूपयों से भी अधिक हो गया है, इसमें निजी एवं सरकारी बैंकों के ऋण भी शामिल हैं। यही नहीं आर्थिक कंगाली के कगार पर पहुंच चुकी सरकार ने 700 करोड़ रूपये, जो मनरेगा कोष के थे, उसे भी कंगाल सरकार ने कर्मचारियों/ अधिकारियों के वेतन बांटने के लिए उपयोग कर लिया था।
श्री मिश्रा ने कहा कि इन दिनों यूं भी प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर संकटों से घिरी हुई है। बिगड़ती कानून-व्यवस्था, अध्यापकों, चिकित्सकों, नर्सों सहित कर्मचारी एवं अन्य संगठनों के आंदोलन, राजनैतिक, आर्थिक जर्जरता से ग्रसित है और यही स्थिति आगे भी जारी रही तो कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ सकते हैं। लिहाजा, राज्य सरकार वर्तमान में प्रदेश की आर्थिक, राजनैतिक, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक संकट पर श्वेत-पत्र जारी करे।