उज्जैन। पूरे श्रावण मास जहां भाजपा के नेता खुद को बाबा माहाकाल से से बड़ा प्रमाणित कर मंदिर का अपमान करते रहे वहीं मप्र की धर्मस्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने महाकाल की पालकी उठाई और भीड़ में शामिल हो जयकारे भी लगाए। वो मंदिर से रामघाट तक पैदल चलीं। यह पहली बार है जब सिंधिया परिवार का कोई सदस्य महाकाल की सवारी में इतना लम्बा पैदल चला हो।
सभामंडप में पहले से श्रद्धालुओं व नेताओं की भीड़ के कारण मंत्री सिंधिया को अंदर ले जाने में अधिकारियों को मशक्कत करना पड़ी। अव्यवस्था और धक्का मुक्की से वह परेशान हाे गई। सवारी जैसे ही मंदिर से रवाना हुई मंत्री ने कलेक्टर कवींद्र कियावत पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सवारी पूजन में आपकी क्या व्यवस्था है। बाबा की सवारी में ऐसा नहीं होना चाहिए। पहले वे पूजन कर मंदिर से रवाना होने वाली थी लेकिन जब वह ठीक से दर्शन-पूजन नहीं कर पाई तो उन्होंने कलेक्टर कियावत से कहा वे अब सवारी में पैदल चलेगी। सभा मंडप में पुजारी संजय गुरु, आशीष गुरु ने सिंधिया का पूजन कराया। महाकाल से रामघाट तक मंत्री सिंधिया सवारी में जयकारे लगाते पैदल आई। कई सालों बाद महाकाल की सवारी में सिंधिया परिवार का कोई सदस्य इतने लंबे समय तक सवारी के साथ रहा। सवारी मार्ग में मंत्री सिंधिया लोगों का अभिवादन स्वीकारते हुए निकली।
ट्रेफिक में फंसी मंत्री, सवारी से चूक गईं
रामघाट से सवारी नगर भ्रमण के लिए आगे बढ़ी और मंत्री सिंधिया हरसिद्धि मंदिर में दर्शन के लिए निकल गई। प्रोटोकॉल व्यवस्था देख रहे सेवानिवृत डिप्टी कलेक्टर शिवकुमार दुबे ने बताया हरिसिद्ध दर्शन कर वे कालभैरव मंदिर गई और वहां से लौटते वक्त उन्होंने फिर गोपाल मंदिर से सवारी दर्शन की इच्छा जताई लेकिन भीड़ व यातायात जाम की स्थिति के कारण मंत्री गोपाल मंदिर पहुंचती, इसके पहले ही सवारी आगे निकल चुकी थी। गोपाल मंदिर में दर्शन कर वे सर्किट हाऊस आई।