भोपाल। भाजपा में चौथे नंबर के सबसे शक्तिशाली नेता एवं महू विधायक कैलाश विजयवर्गीय की सीडी हाईकोर्ट में चलाई गई। इस सीडी में वो नोट बांटते दिखाई दिए। मामला चुनाव में आचार संहिता के उल्लंघन का है। यह सीडी कोर्ट के आदेश के बाद एक मीडियाकर्मी ने पेश की। तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी के बयान भी सोमवार को दर्ज हुए।
विजयवर्गीय के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अंतरसिंह दरबार ने यह चुनाव याचिका लगाई है। सोमवार को दरबार के वकील रवींद्रसिंह छाबड़ा ने कलेक्टर और तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी आकाश त्रिपाठी, एसडीएम विजयकुमार अग्रवाल, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी तपीश पांडे और आबकारी अधिकारी सिद्धनाथ चतुर्वेदी के बयान दर्ज कराए। इसके अलावा एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार पुष्पेंद्र वैद्य के बयान भी दर्ज हुए। वैद्य अपने साथ एक सीडी लेकर आए थे। कोर्ट रूम में लैपटॉप पर इसका प्रसारण किया गया। विजयवर्गीय के चुनाव प्रचार के दौरान बनाई गई इस सीडी में वे ढोलक वालों को नोट बांटते दिखाई दे रहे हैं। वैद्य ने सीडी के साथ एक सर्टिफिकेट भी कोर्ट में पेश किया।
विजयवर्गीय का शपथपत्र भी फर्जी है
एडवोकेट छाबड़ा ने बताया कि दरबार की ओर से एक आवेदन भी लगाया गया है। इसमें कहा है कि 7 सितंबर को विजयवर्गीय का एक शपथ-पत्र कोर्ट में पेश किया गया है जो फर्जी है। नोटरी के रजिस्टर में विजयवर्गीय के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति ने हस्ताक्षर किए हैं। नोटरी में विजयवर्गीय ने खुद को मंत्री बताया है। आवेदन में नोटरी का रजिस्टर कोर्ट में बुलाने की गुहार लगाई गई है। इस आवेदन पर अगली सुनवाई पर फैसला होगा। छाबड़ा ने बताया कि कोर्ट ने दो और मीडियाकर्मियों को भी गवाही के लिए बुलाया था, लेकिन दो बार नोटिस जारी होने के बाद भी दोनों उपस्थित नहीं हुए। सोमवार को कोर्ट ने दोनों के जमानती वारंट जारी कर दिए। अब अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।