भोपाल। नगरनिगम भोपाल में बीआरटीएस घोटाला प्रकाश में आया है। बीआरटीएस बस स्टॉप पर ऑटोमेटिक गेट, टिकट वेंडिंग मशीनें अभी तक नहीं लगीं, लेकिन निगम के अधिकारियों ने इनके लिए पेमेंट कर डाला। पूरे भोपाल में बीआरटीएस बस स्टॉप अधूरे दिखाई दे रहे हैं लेकिन निगम की फाइलों में इनका निर्माण कार्य पूर्ण हो गया और पेमेंट भी फुल एंड फाइनल।
निगम ने 15 करोड़ की लागत से ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन का ठेका ताइवान की हारमन कंपनी को दिया। 82 बस स्टॉप पर ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन, 164 बैरिकेट सेंसर गेट, 164 फेयर गेट, 225 बसों में 450 इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन, 450 सीसीटीवी कैमरे लगने थे। इसमें से सिर्फ कैमरा और इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन लगी। इनकी कीमत एक करोड़ से ज्यादा नहीं है। फिर भी निगम ने गुपचुप तरीके से साढ़े छह करोड़ का पेमेंट कर दिया।
सलाह लेने में भी लुटाई जनता की रकम
बीआरटीएस की डिजाइन तैयार करने और गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए 4 करोड़ 56 लाख रुपए में फ्रांस की कंसल्टेंसी कंपनी एजिस को नियुक्त किया गया था, लेकिन नगर निगम ने कंपनी को नौ करोड़ 27 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। इतना ही नहीं कंपनी को पूरे बीआरटीएस का काम दिया गया था, जिसमें हबीबगंज आरओबी और जीएडी फ्लाईओवर भी शामिल था, लेकिन निगम ने इनके लिए दूसरा कंसल्टेंट रख लिया और उसे भी करीब दो करोड़ रुपए दे दिए। इसके बावजूद काम में देरी हुई और ये अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं।