भोपाल। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने व्यापमं से पांच साल में हुई प्रवेश आैर भर्ती परीक्षाओं का रिकाॅर्ड मांगा है। पिछले दिनों सीबीआई ने व्यापमं से प्री-पीजी-10 का रिकाॅर्ड मांगा था। जांच कर रहे अफसरों का मानना है कि रिकॉर्ड के आधार पर कुछ और जानकारियां सामने आ सकती हैं।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ द्वारा सौंपे गए रिकाॅर्ड के अलावा कुछ और जरूरी दस्तावेज भी सीबीआई व्यापमं से इकट्ठा कर रही है। व्यापमं सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने व्यापमं घोटाले से जुड़े रिकाॅर्ड के अलावा जुलाई-2013 से पहले की संदिग्ध परीक्षाओं का रिकाॅर्ड भी मांगा है।
यह माना जा रहा है कि इस रिकॉर्ड से कुछ और गड़बड़ियां भी उजागर हो सकती हैं। गड़बड़ी सामने आने पर सीबीआई अन्य परीक्षाओं में भी एफआईआर दर्ज कर सकती है। यही वजह है कि रिकॉर्ड मांगे जाने के बाद से व्यापमं में खलबली मची हुई है। प्री-पीजी-10 का रिकाॅर्ड व्यापमं से लेकर सीबीआई ने उसका परीक्षण भी करना शुरू कर दिया है।
केस समझने में लग रहा वक्त
व्यापमं घोटाले से जुड़े 212 प्रकरण सीबीआई को एसटीएफ आैर एसआईटी से टेक ओवर करना थे। सीबीआई ये मामले टेक ओवर कर चुकी है। प्रत्येक केस को बारीकी से समझने में सीबीआई को समय लग रहा है। यही कारण है कि 11 सितंबर को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के साथ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से आैर समय देने का अनुरोध किया था। इसके बाद सीबीआई को सभी मामले टेक ओवर करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया गया है।
तीन हफ्तों में करना है दो दर्जन FIR
सीबीआई अब तक व्यापमं द्वारा आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ी से संबंधित 101 दर्ज कर चुकी है। सीबीआई को अभी भी 25 एफआईआर दर्ज करना बाकी हैं। यह एफआईआर सीबीआई को तीन हफ्ते के अंदर दर्ज करना है। इधर, आरोपियों की जमानत को लेकर भी सीबीआई अफसर परेशानी में हैं। आरोपियों द्वारा जमानत के लिए आवेदन लगाने पर उसका जवाब तैयार करने में सीबीआई को समय लग रहा है। इस वजह से आरोपियों को भी जमानत का लाभ मिल रहा है।
प्राथमिकी में जांच शुरू
सीबीआई ने नम्रता डामोर हत्याकांड के साथ ही व्यापमं घोटाले से जुड़े लोगों की संदिग्ध मौतों के मामले में जांच शुरू कर दी है। सीबीआई अब तक 23 संदिग्ध मौतों के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई भी मानकर चल रही है कि व्यापमं घोटाले की जांच पूरी करने में चार साल का समय लग सकता है।