भोपाल। 4 अगस्त हुए हुए हृदय विदारक हरदा रेल हादसे के लिए लिए मौसम या भगवान नहीं बल्कि डीआरएम भोपाल जिम्मेदार है। यह निष्कर्ष डीके सिंह कमिश्नर आॅफ रेलवे सेफ्टी, साउथ सेंट्रल रेलवे की जांच कमेटी में सामने आया है।
इस हादसे में 30 निर्दोष रेलयात्री मारे गए थे जबकि 14 रेलयात्री अभी तक लापता हैं। 25 यात्री इस हादसे में गंभीर रूप से घायल दर्ज किए गए थे। सैंकड़ों यात्री मौत के मुंह से बचकर निकले जबकि हजारों यात्री इस हादसे के कारण परेशान हुए।
डीके सिंह कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इस हादसे के लिए तीन वजहों को जिम्मेदार माना है।
- पहला रेलवे पटरियों का ठीक तरह से मानसून पेट्रोलिंग नहीं होना।
- दूसरा मौसम महकमें की भारी बारिश की वार्निंग को नजरअंदाज करना।
- तीसरी वजह ट्रेनों को धीरे चलने के कॉशन मोड नहीं देना बताया गया है।
गौरतलब है कि यह हादसा खिरकिया और बिरंगी रेलवे स्टेशनों के दरमियान वाराणसी की और जा रही कामायनी एक्सप्रेस और मुम्बई की ओर जा रही जनता एक्सप्रेस के रेल पटरी से उतर जाने की वजह से हुआ था। दोनों ट्रेनें कुछ मिनटों के अंतर से डिरेल हो गईं थीं। जांच कमेटी ने भोपाल डिवीजन कंट्रोल रूम को भी इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है। कमेटी ने जांच में पाया है कि भारी बारिश के चलते और रेल पटरियों के आसपास बढ़ते पानी को नजरअंदाज करते हुए कंट्रोल रूम ने ट्रेनों को धीरे चलने का कॉशन मोड नहीं दिया था। ट्रेनों के तेज चलने की वजह से ही यह हादसा हुआ।