अशोक कुमार देवराले: साथियो, शासन ने 25 सितम्बर से e attendess को मप्र में लागू कर दिया है। कहा जा रहा है की इस प्रयोग से शिक्षा की स्थिति में सुधार होगा। शिक्षा में गुणवत्ता का प्रवेश होगा परंतु क्या सिर्फ e attendens से ही ये सब कुछ सम्भव है?
अगर वास्तव में शासन कुछ करना चाहता है तो यह नाटकबाजी बंद कर निम्न व्यवस्था करे शिक्षा में सुधार निश्चित होगा....
1.समान कार्य का समान वेतन दे
2.विषय वार शिक्षकों की भर्ती करे ...
3.अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था बंद कर नियमित भर्ती करे...
4.बीमा पेंशन लागू करे
5.गैर शिक्षकीय कार्यों से मुक्त करे ...
6.मध्यान्ह भोजन योजना से शिक्षकों को मुक्त करे
7.निर्माण कार्य शिक्षकों को न दे.
8.छात्रों को बैठने की उचित व्यवस्था करे...
9.शालाओं में मुलभुत सुविधा पानी ओर बिजली की व्यवस्था करे.....
10. मॉनिटरिंग की धरातलीय व्यवस्था करे...
फिर परिणाम देखें मेरा मनना है की आश्चर्यजनक परिणाम होगें आशातीत परिणाम होंगे ...
वास्तव में सरकार करना चाहती है तो यह करके देखे ...शिक्षकों को बदनाम करे। मेरा दावा है की हमारे 90% शिक्षक समय पर शाला जाते हैं ओर समय से वापस आते हैं अपवाद स्वरूप मात्र 10% शिक्षक ये नहीं करते है। 10% के पीछे सरकार समूचे शिक्षा विभाग को अपमानित न करे।
हम e attendence विरोध नहीं करते है पर इसे उचित एवम् पर्याप्त नहीं मानते है।
इससे शिक्षा में कोई क्रांति होगी सम्भव नहीं है। अत: यह व्यवस्था बंद कर मुलभूत बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए जो शिक्षा की व्यवस्था को प्रभावित करती है.
अशोक कुमार देवराले
प्रांतीय उपाध्यक्ष
म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन