मोदी की हिंदी में ENGLISH के 56 WORDS

भोपाल। विश्व हिंदी सम्मेलन में मोदी की स्पीच को लेकर सवाल उठने लगे हैं। जाने माने साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकारों ने सवाल उठाया है। सवाल उठाया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में अंग्रेजी के 56 शब्दों का इस्तेमाल किया है।

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी और मृणाल पांडे ने सवाल उठाया तो कई और साहित्यकारों ने भी सुर में सुर मिलाया। 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन के दूसरे दिन सबसे ज्यादा चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पीच पर हुई। बहस भाषा की शुद्धता पर होनी थी, लेकिन किसने क्या कहा, क्या हुआ, इन्हीं सवालों पर चर्चा होती रही।

बात शुरू हुई मीडिया में अंग्रेजी के शब्दों के इस्तेमाल पर। सत्र की अध्यक्षता कर रहीं मृणाल पांडे ने सीधे आयोजन पर ही सवाल उठा दिया। वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने कहा कि एयरपोर्ट से सम्मेलन स्थल आने तक सिर्फ नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान के पोस्टर लगे हैं। यहां से हिंदी तो गायब है। उन्होंने कहा कि मोदीजी ने कल के भाषण में अंग्रेजी के 56 शब्दों का इस्तेमाल किया।

  • किसने क्या कहा
  • थानवी ने कहा कि यहां तो भाषा की शुद्धता के बहाने पूरी शुद्धता का दौर चल रहा है। उनका इशारा विचारधारा को लेकर था।
  • साहित्यकार दीपक शर्मा ने थानवी से कहा कि यदि मोदीजी ने 56 शब्द अंग्रेजी के कहे तो इसमें 32 शब्दों के हिंदी अर्थ भी बताए। आप खुद को भी देख लीजिए। आपके पास तो एंकर और माउस जैसे शब्दों के लिए कोई हिंदी शब्द ही नहीं है।
  • थानवी ने कहा कि मोदी के भाषण से ज्यादा बेहतर सुषमा स्वराज का भाषण था। उन्होंने अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग नहीं किया। इसमें अच्छे शब्दों को प्रचलन में लाना चाहिये। हम अंग्रेजी शब्दों का उपयोग कर सोचते हैं कि आधुनिक हो रहे हैं। यह धारणा हमें खत्म करनी होगी।

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