इंदौर। हाईकोर्ट ने पैरवी करने आए एक वकील को पीटने वाले 2 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। इससे पूर्व न्यायालय के आदेश के बावजूद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।
करीब एक पखवाड़े पहले सीपी शेखर नगर में शिफ्टिंग के दौरान युवक की मौत के बाद मौके पर पहुंचे वकील हेमंत परमार को पुलिस ने जमकर पीट दिया था। वकील ने पुलिसकर्मियों से कहा भी कि वे सीपी शेखर नगर के रहवासियों की तरफ से पैरवी कर रहे हैं और पूछताछ में सहयोग को तैयार हैं, इसके बावजूद पुलिस उन्हें पीटती रही।
साथी की पिटाई से आक्रोशित वकीलों ने इस मामले में हाईकोर्ट में लेटर पीटिशन दायर की थी। 22 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने जूनी इंदौर सीएसपी शशिकांत कनकने को मारपीट के जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा था। वीडियो और फोटोग्राफ उपलब्ध होने के बावजूद पुलिस ने मामले में नामजद रिपोर्ट करने के बजाए अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया।
सोमवार को मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शुभदा वाघमारे और न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की युगलपीठ में हुई। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव अनिल ओझा और सह सचिव मनीष यादव ने कोर्ट में शपथ-पत्र पर बताया कि पीड़ित वकील की ओर से जिम्मेदारों के नाम बताने के बावजूद अज्ञात लोगों पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया।
इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील जैन ने कहा कि सात दिन में मामले की जांच पूरी हो जाएगी। इसके बाद जिम्मेदारों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लेंगे। इस पर युगलपीठ ने सात दिन में छत्रीपुरा टीआई आरडी कानवा और पंढरीनाथ टीआई संजू कामले के खिलाफ सात दिन में नामजद एफआईआर दर्ज करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।