भोपाल। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया प्रबंधन का उसके गुड़गांव और मानेसर संयंत्र के कर्मचारियों के साथ वेतन समझौता हो गया है। समझौते के तहत कर्मचारियों के वेतन में औसतन 16,800 रुपये की मासिक वेतन वृद्धि होगी। यह वृद्धि तीन साल के दौरान लागू होगी। वेतन समझौता इस साल अप्रैल से लागू होगा।
तीन साल के इस समझौते में कर्मचारियों को उनकी बढ़े वेतन का 50 प्रतिशत पहले साल मिलेगा जबबि शेष 25-25 प्रतिशत वेतन वृद्धि अगले दो साल के दौरान दी जायेगी। मारुति उद्योग कामगार संघ के महासचिव कुलदीप जांघू ने कहा कि मारुति सुजुकी पावरट्रेन सहित पहली बार गुड़गांव और मानेसर कारखाने की कर्मचारी यूनियनों का प्रबंधन के साथ कल शाम एक सौहार्दपूर्ण समझौता हुआ। उन्होंने कहा समझौते के तहत, प्रति कर्मचारी प्रतिमाह औसतन 16,800 रुपये की वृद्धि होगी जिसमें से 8,430 रुपये पहले वर्ष में दिये जायेंगे जबकि शेष 4,200 रुपये की वृद्धि दूसरे और तीसरे वर्ष में की जायेगी।
कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच वार्ता का दौर इस वर्ष अप्रैल से चल रहा था। जांघू ने कहा कि यह समझौता अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2018 तक वैध होगा। उन्होंने कहा कि प्रबंधन उन कर्मचारियों को बतौर परिवहन भत्ता 2,000 रुपये प्रतिमाह देने को भी सहमत हुआ है जो सात वर्षों से अपने वाहन का उपयोग करते आये हैं। उन्होंने कहा कि यह समझौता बिना किसी विरोध और वाद विवाद के हुआ है, इसलिए प्रबंध निदेशक और सीईओ केनिची अयुकावा ने प्रत्येक कर्मचारी को एकबारगी 3,000 रुपये प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने का भी वायदा किया है।
कंपनी सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों के वेतन में वर्ष 2014-15 के वेतन के मुकाबले अगले तीन साल के दौरान औसतन वृद्धि 38 प्रतिशत होगी। कंपनी ने इससे पहले सितंबर 2012 में अपने गुड़गांव कारखाने के कर्मचारियों के साथ वेतन समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जिसके तहत कामगारों को तीन वर्ष की अवधि में औसतन 18,000 रुपये प्रतिमाह वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया था। इससे पूर्व उसी साल जुलाई में कंपनी के मानेसर संयंत्र में कामगारों की हिंसा की घटना हुई थी जिसमें एक मानव संसाधन अधिकारी की मौत हो गयी थी।