जबलपुर। अभी तक ऐसा लगता था कि पीजीडीसीए या बीसीए करने वालों को सरकारी नौकरी में फायदा मिलेगा, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने इससे एक कदम आगे बढ़कर अपना कॉमन प्रोफेशिएन्सी टेस्ट इन कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी (सीपीसीटी) शुरू किया है। यह परीक्षा पास करने वाले छात्रों को 2 साल का स्कोर कार्ड दिया जाएगा। इस कार्ड के आधार पर उन्हें सरकारी नौकरी में प्राथमिकता मिलेगी। जिले और प्रदेश के 10 शहरों में पहला एग्जाम 26 सितंबर को होने जा रहा है। जबलपुर में ही 1100 से ज्यादा लोग परीक्षा में शामिल होंगे।
ये मिलेगा फायदाः
यदि आप किसी सरकारी विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर, क्लर्क जैसी पोस्ट के लिए आवेदन करते हैं, तो सीपीसीटी एग्जाम पास करने वालों को पीजीडीसीए और बीसीए एग्जाम देने वालों से पहले मौका मिलेगा। उन्हें मिलने वाले प्रमाण पत्र को 2 साल तक मान्य किया जाएगा। जिसके आधार पर आप सरकारी नौकरी में आवेदन करने पर पहले ही नौकरी पा सकते हैं। वहीं दूसरी तरह के सर्टिफिकेट या एग्जाम पास करने वालों को मौका तभी मिलेगा जब सीपीसीटी पास करने वाला उनके मुकाबले में नहीं उतरा हो।
इस परीक्षा में पहले से सरकारी नौकरी कर रहे कर्मचारी भी हिस्सा ले सकते हैं। इस तरह के कर्मचारियों के लिए शासन ने आयु सीमा में छूट का प्रावधान भी दिया है। यदि कर्मचारी ये टेस्ट पास कर लेता है तो उसकी विभागीय परीक्षा के नंबरों में स्कोर कार्ड के नंबर को भी जोड़ा जाएगा। जिससे प्रमोशन पाने में भी आसानी होगी।
पहली बार ऐसा प्रयोग
वर्तमान में बहुत कम ही विभाग ऐसे हैं, जिनमें कुशल कम्प्यूटर ऑपरेटर काम कर रहे हैं। अधिकांश ग्रामीण व शहरी दफ्तरों में संविदा वाले ऑपरेटरों से सभी तरह के काम लेना मुश्किल बना हुआ है। यही वजह है कि शासन अपनी जरूरत के हिसाब से टेस्ट ही ले रही है। जो लोग इस टेस्ट को पास कर जाएंगे इसका मतलब कि वो सरकारी काम काज भी आसानी से कर सकते हैं।
इसके अलावा प्रदेश में हर साल सरकारी कर्मचारियों की बड़ी संख्या कम होते जा रही है। नए पदो पर भर्ती खोली नहीं जा सकती। इसलिए संविदा आधार पर कम खर्चे में ज्यादा बेहतर कर्मचारी विभागों को मिल सकते हैं। यही वजह है कि एक सरकारी कर्मचारी के बराबर वेतन पाने वालों के मुकाबले विभाग कम से कम तीन ऑपरेटर या क्लर्क का काम करने वाले युवाओं को नौकरी दे रहा है।
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जिले में 26 तारीख को पहली बार सीपीसीटी एग्जाम होने जा रहा है। जिसके लिए शहर के तमाम कॉलेजो को सेंटर बनाया गया है।
चित्रांशु त्रिपाठी, ई गर्वनेंस शाखा प्रभारी