नईदिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉरपोरेशन का गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा, ‘पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द होने के बाद यह कंपनी रिजर्व बैंक कानून, 1934 की धारा 45-आई के उपबंध (ए) के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय कारोबार नहीं कर पाएगी।’ इस निणर्य के अनुसार लखनऊ की इस एनबीएफसी कंपनी का लाइसेंस तीन सितंबर से रद्द माना जाएगा। इसका रजिस्ट्रेशन दिसंबर, 1998 में हुआ था।
इससे पहले जुलाई में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा इंडिया म्यूचुअल फंड का रजिस्ट्रेशन रद्द करते हुए कहा था कि यह अब इस कारोबार के लिए उपयुक्त नहीं है। सेबी ने इसके कारोबार का परिचालन किसी दूसरे म्युचुअल फंड को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
सेबी ने सहारा समूह की उस कंपनी के पोर्टफोलियो प्रबंधन के लाइसेंस को भी रद्द कर दिया था। सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय 4 मार्च, 2014 से जेल में हैं। सहारा समूह लंबे समय से सेबी के साथ निवेशकों का हजारों करोड़ रुपये लौटाने के मामले में सहारा समूह का बाजार विनियामक सेबी के साथ लम्बे समय से विवाद है।
गौरतलब है कि समूह की कंपनी सहारा इंडिया इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने सितंबर 2008 में रिजर्व बैंक को सूचित किया कि वह स्वेच्छा से गैर बैंकिंग वित्तीय कारोबार से हट रही है। रिजर्व बैंक ने चार जून 2008 को एक अन्य आदेश में सहारा इंडिया फिनांशल कॉरपोरेशन लिमिटेड को आम निवेशकों से जमाएं स्वीकार करने से रोक दिया।