क्या आप कल्पना कर सकता हैं, भारत के किसी शहर में एक ऐसा रेडलाइट एरिया जो मुंबई की चौपाटी से भी बड़ा है। यहां जिस्म की मंडी ऐसे लगती है मानो सब्जी तरकारी। लड़कियों की नुमाइश और हवस के भूखे भेड़ियों की जहरीली निगाहें उनके जिस्म को तार तार करतीं हुईं कदम कदम पर मिल जातीं हैं। सब कुछ यहां खुलेआम चलता है। शर्म और लिहाज तो जैसे इस मोहल्ले में कभी आए ही नहीं। इसे एशिया का सबसे बड़ा रेडलाइन एरिया कहते हैं। यह कोलाकाता में स्थित है और नाम है सानागाछी।
यहां रहने वाली महिलाओं/लड़कियों की नरक से भी बदतर जिन्दगी, ना सुबह का पता चलता है ना शाम का। कहने को तो इन्हें रात की रानी कहा जाता है पर ना जीते जी कोई इनकी खबर लेता है, ना मरने के बाद इनका कुछ पता चलता है। इनके बच्चे अगर किस्मत वाले हुए तो किसी समाजसेवी संस्था के जरिये इस दलदल से बाहर निकल कर सामान्य जिंदगी बिताते है और अगर बदकिस्मती से उसी अँधेरे में रह गए तो लड़के अधिकतर अपराधी या दलाल बन जाते है और लड़कियां किसी कोठे की रौनक।