सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। अतिरिक्त द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश वारासिवनी नोरिन निगम ने लालबर्रा थाने के ग्राम सिहोरा निवासी नाबालिक आरोपी को बाल संरक्षण अधिनियम की धारा 3/4 के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये का जुर्माना की सजा सुनाई तथा घर में धुसकर अपराध घटित करने के कारण धारा 450 के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1000 रूपये के जुर्माना से भी दण्डित किया है दोनो सजायें एक साथ चलेगी।
अभियोजन से मिली जानकारी के अनुसार 1 मई 2014 को जब पीडिता की उम्र लगभग 12 वर्ष थी उसे घर पर अकेली देखकर उसे धमकी देते हुये उसके साथ दुराचार किया। इस घटना को पीडिता की 8 वर्षीय छोटी बहन ने देख लिया था जिसके आधार पर परिजनों ने लालबर्रा पुलिस थाने में शिकायत की थी।