बड़वानी। यहां एक गांव में ट्यूबवैल में डाली गई मोटर अपने आप ही जमीन से 20 फुट ऊपर आ गई और हवा में तैरने लगी। यह देख पूरा गांव अचंभित हो गया। अफवाहों का दौर शुरू हो गया और सरसराती खबर कलेक्टर तक जा पहुंची। जब इसका राज खुला तो सबने दातों तले उंगली दबा ली।
घटना विकासखण्ड राजपुर के ग्राम पाडला की है, जहां पर 4 साल से बंद पड़े ट्यूबवेल में ग्रामवासियो ने पीने के पानी के मद्देनजर साढ़े सात हार्स पावर की मोटर 330 फीट गहराई तक डालकर पानी लेना शुरू किया था। पानी लेना शुरू करने के 2 घंटे बाद ही ग्रामीणों के सामने एक अजीब घटना हुई जिससे पूरे गांव में हलचल मच गई। जिस मोटर के पाइप से ग्रामीण पानी निकाल रहे थे वो धीरे-धीरे ऊपर उठता चलता चला गया, जब वह लगभग 20 फीट ऊपर तक उठकर अपने वजन से एक तरफ तिरछा होने लगा तो ग्रामीणों ने घबराकर मोटर को बंद कर दी।
ग्रामीणों ने जब दोबारा कोशिश की तो फिर से उनके साथ यही घटना घटी। घबराए ग्रामीणों ने इसकी जानकारी कलेक्टर तक पहुंचाई जिसके बाद कलेक्टर अजयसिंह गंगवार ने पीएचई के कार्यपालन यंत्री एचएस बामनिया के साथ 5 कुशल तकनीकी कर्मियों की टीम घटनास्थल पर भेजी।
इस दल ने 9 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार न सिर्फ ग्रामीणों की समस्या सुलझा ली बल्कि मोटर और पाइप के हवा में 20 फीट उठने के रहस्य पर से भी पर्दा उठा दिया।
कार्यपालन यंत्री पीएचई एचएस बामनिया के अनुसार पाडला ग्राम के रावत फल्या में 7-8 वर्ष पूर्व कराये गये इस सरकारी ट्यूबवेल की गहराई 480 फीट है। किन्ही कारणों से इस ट्यूबवेल को मोटर निकालकर 4 साल पहले बंद कर दिया गया। चार साल बंद रहने के दौरान आस-पास के पेड़ों की जड़ें इस ट्यूबवेल में प्रवेश कर पानी लेने लगी थी लेकिन जब मोटर डाली गई तो इन जड़ों ने टूटकर मोटर के साथ नीचे पहुंचकर एयर टाईट सील का रूप लेना शुरू कर दिया।
मोटर डालने के दौरान जड़ों की बनी इस सील के कारण ऊपरी सतह पर इकट्ठे पानी को जब मोटर ने कम कर दिया तो मोटर के नीचे के पानी की सतह के प्रेशर के कारण जड़े मोटर सहित उपर उठने लगी, जिसके कारण मोटर पाइप के 20 फीट ऊपर उठने की घटना घटी।